सार

DERC अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के उपराज्यपाल को झटका दिया है। कोर्ट ने LG द्वारा नियुक्त किए गए नए अध्यक्ष के शपथग्रहण पर रोक लगा दी है।

नई दिल्ली। DERC (Delhi Electricity Regulatory Commission) के अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार आमने सामने हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 21 जून को रिटायर जस्टिस उमेश कुमार को DERC का अध्यक्ष नियुक्त किया था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को यह फैसला मंजूर नहीं हैं। इसके चलते दिल्ली सरकार ने DERC अध्यक्ष की नियुक्ति के LG के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले में मंगलवार को सुनवाई हुई।

सीजेआई (Chief Justice of India) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की सुनवाई की। वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से कहा था कि सोमवार को उमेश कुमार को DERC अध्यक्ष के रूप में शपथ दिलाए। ऐसा नहीं होने पर उपराज्यपाल ने अरविंद केजरीवाल को रिमाइंडर भेजा कि मंगलवार को नए DERC अध्यक्ष को शपथ दिलाए।

सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल को झटका दिया है। कोर्ट ने नए DERC अध्यक्ष के शपथ ग्रहण पर तत्काल रोक लगा दी है। सीजेआई ने कहा कि हम याचिका पर नोटिस जारी करेंगे। इस मामले में अगले सप्ताह सुनवाई होगी। आप (दिल्ली सरकार) बयान दे सकते हैं कि अगले मंगलवार तक शपथ नहीं दिलाई जाएगी। हम अगले मंगलवार को इस मामले में सुनवाई करेंगे। अगले सप्ताह तक नए DERC अध्यक्ष को शपथ नहीं दिलाई जाएगी। एलजी तब तक सरकार को DERC अध्यक्ष को शपथ दिलाने के लिए नहीं कहेंगे।

अध्यादेश लाए जाने के बाद बढ़ी है दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच खींचतान

19 मई को केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार के अधिकारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग के मामले में शक्ति दी थी। इसके बाद से दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच खींचतान बढ़ गई है। जनवरी से DERC चेयरमैन और दो अन्य मेंबर्स के पोस्ट खाली हैं। इस मामले में दिल्ली सरकार ने अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और गुहार लगाई थी कि दिल्ली कैबिनेट द्वारा चुने गए उम्मीदवार को मंजूरी देने के लिए उपराज्यपाल को आदेश दें।

मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा- बिजली देना दिल्ली सरकार का काम, दखल क्यों दे रही केंद्र सरकार

इस संबंध में दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, “यह दिलचस्प है कि केंद्र सरकार दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग पर अपना अधिकार क्यों चाहती है? दिल्ली में बिजली आपूर्ति करना दिल्ली सरकार का काम है। बिजली के रेट तय करना उनका काम है। केंद्र सरकार क्यों दखल दे रही है? क्या वे इसे महंगा करना चाहते हैं? क्या सब्सिडी बंद करना चाहते हैं? एलजी को अचानक क्यों लगा कि डीईआरसी चेयरमैन की नियुक्ति केंद्र के मुताबिक की जानी चाहिए? सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चुनी हुई दिल्ली सरकार डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्त करेगी। इसके बाद भी एलजी ने नया अध्यक्ष नियुक्त करने की कोशिश की। मेरा मानना ​​है कि जिस तरह से एलजी बार-बार सुप्रीम कोर्ट की अवमानना ​​करने का प्रयास करते हैं वह सिस्टम को चुनौती देने जैसा है।”