Airline Ticket Refund Rules 2025: क्या अब यात्रियों को हर फ्लाइट कैंसलेशन पर तुरंत पैसा मिलेगा? DGCA ने नए नियम जारी किए हैं जो एयरलाइंस की मनमानी रोकने और 21 दिनों में रिफंड सुनिश्चित करने के लिए गेमचेंजर साबित हो सकते हैं।
नई दिल्ली। क्या आपने कभी फ्लाइट कैंसिल की हो और महीनों तक रिफंड का इंतजार करना पड़ा हो? अगर हां, तो अब राहत की खबर है! भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने यात्रियों की शिकायतों को देखते हुए एयरलाइन टिकट रिफंड सिस्टम को पूरी तरह सुधारने की योजना बनाई है। नए नियमों के तहत अब एयरलाइंस को तय समयसीमा में यात्रियों को रिफंड देना अनिवार्य होगा।
DGCA के नए नियम क्या हैं?
DGCA ने अपने नए Civil Aviation Requirements (CAR) ड्राफ्ट में कई अहम बदलावों का प्रस्ताव दिया है। इन नियमों का मकसद है कि यात्रियों को टिकट कैंसिल या फ्लाइट मिस होने पर जल्दी और पूरा रिफंड मिले।
- 21 कार्यदिवसों के अंदर रिफंड अनिवार्य: अगर टिकट किसी ट्रैवल एजेंट या ऑनलाइन पोर्टल से बुक किया गया है, तो एयरलाइन को 21 वर्किंग डेज़ के अंदर रिफंड देना होगा।
- सभी टैक्स और फीस का रिफंड: अब एयरपोर्ट टैक्स, फ्यूल फीस, और अन्य चार्ज भी वापस करने होंगे, भले ही किराया “नॉन-रिफंडेबल” क्यों न हो।
- 48 घंटे की ‘फ्री लुक-इन’ विंडो: अगर आपने टिकट बुक करने के बाद 48 घंटे के अंदर कैंसिल किया, तो कोई चार्ज नहीं लगेगा।
- रिफंड-टू-क्रेडिट शेल नहीं होगा मजबूरी में: एयरलाइंस अब यात्रियों की अनुमति के बिना क्रेडिट शेल (ट्रैवल वाउचर) नहीं बना पाएंगी।
- पारदर्शिता ज़रूरी: बुकिंग के दौरान ही कैंसलेशन चार्ज और रिफंड प्रोसेस का पूरा विवरण दिखाना अनिवार्य होगा।
क्या विदेशी एयरलाइंस भी इन नियमों के दायरे में आएंगी?
हां, भारत में ऑपरेट करने वाली विदेशी एयरलाइंस को भी भारत की रिफंड टाइमलाइन और प्रोसेसिंग सिस्टम का पालन करना होगा। उनके देश के नियम लागू रहेंगे, लेकिन भारत में उन्हें DGCA के मानक मानने होंगे।
मेडिकल इमरजेंसी पर भी मिलेगा पूरा रिफंड
अगर किसी यात्री या उसके परिवार में मेडिकल इमरजेंसी होती है, तो एयरलाइन को टिकट रद्द करने पर पूरा रिफंड या क्रेडिट शेल विकल्प देना होगा। DGCA ने इसे “संवेदनशील परिस्थितियों में यात्री अधिकारों की सुरक्षा” बताया है।
क्यों जरूरी पड़ा सरकारी हस्तक्षेप?
DGCA ने कहा है कि कई एयरलाइंस यात्रियों की शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रही थीं। महीनों तक रिफंड नहीं मिल रहा था, या फिर यात्रियों को ट्रैवल क्रेडिट दे दिया जाता था जिसे बाद में उपयोग करना मुश्किल था। लगातार बढ़ती शिकायतों के बाद DGCA ने नए बेंचमार्क तय करने का फैसला लिया है ताकि यात्री को समय पर न्याय मिले।
नया ड्राफ्ट जारी-अब यात्रियों की राय भी ली जाएगी
DGCA प्रमुख फैज़ अहमद किदवई ने बताया कि यह ड्राफ्ट फिलहाल सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया गया है। जल्द ही अंतिम रूप देने के बाद यह सभी एयरलाइंस पर लागू होगा। अब भारत में फ्लाइट टिकट रिफंड में देरी का झंझट खत्म होने जा रहा है। यात्रियों के अधिकारों की सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए DGCA के ये नियम हवाई यात्रियों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकते हैं।
