सार
प्रवर्तन निदेशालय(Enforcement Directorate) ने देश की इंडियन आर्मी के सीक्रेट दुश्मन देश चीन को देने के आरोपी पत्रकार राजीव शर्मा के खिलाफ कड़ा एक्शन लेते हुए 48 लाख से अधिक की प्रॉपर्टी जब्त कर ली है।
नई दिल्ली. अपने देश की सुरक्षा को खतरे में डालने वाले पत्रकार राजीव शर्मा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय(Enforcement Directorate) ने कड़ा एक्शन लिया है। ED ने चीन के एजेंट (Chinese Intelligence officers) को इंडियन आर्मी से जुड़े सीक्रेट दस्तावेज देने वाले पत्रकार राजीव शर्मा की 48 लाख रुपए से अधिक की प्रॉपर्टी अटैच कर ली है। ED ने राजीव शर्मा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग( Prevention of Money Laundering Act PMLA) के तहत मामला दर्ज किया था।
दिल्ली पुलिस ने किया था गिरफ्तार
फ्रीलांस पत्रकार राजीव शर्मा (Freelance journalist)को दिल्ली पुलिस (Delhi police) ने 19 सितंबर,2020 को ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था। आरोपी पत्रकार राजीव के साथ पुलिस ने उसके दो विदेशी साथियों को भी गिरफ्तार किया था जिनमें एक नेपाल का नागरिक है और दूसरी चीनी महिला है।
दिल्ली की शैल कंपनी का निकला था चीनी कनेक्शन
ईडी की जांच में महिपालपुर इलाके की यह कंपनी एक शैल /मुखौटा कंपनी निकली थी। उसे दिल्ली में ही एक चीन मूल के नागरिक द्वारा संचालित किया जा रहा था। कंपनी के संचालक ने अपना नाम सूरज लिखवा रखा था, जबकि असलियत में वो जेंग चेंग ( Zhang Cheng Zhang Lixia ) और उसका सहयोगी किंग शी ( Qing Shi ) निकला। इन्होंने अपने साथ अपने ही तरह के रंग रूप वाले नेपाल मूल के शख्स को साथ रखा था। उसका नाम शेर सिंह उर्फ राज बोहरा है। ये सभी विशेष ऑपरेशन के तहत कार्य करते थे।
यूट्यूब चैनल चलाते हैं राजीव
बता दें शर्मा एक यूट्यूब चैनल चलाते थे, जिस पर उन्होंने दो वीडियो अपलोड किए थे। आठ मिनट के वीडियो में उन्होंने कहा था कि भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच हुए समझौते के बाद भी दोनों देशों के बीच शांति का रास्ता बहुत मुश्किल भरा है। अभी भी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि मॉस्को में दो विदेश मंत्रियों के बीच हुई बातचीत के अनुसार सब कुछ खत्म हो जाएगा।
ग्लोबल टाइम्स के लेख में क्या कहा था?
यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया, द ट्रिब्यून और सकाल टाइम्स के साथ काम कर चुके शर्मा ने हाल ही में चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स (Global Times) के लिए 7 सितंबर को एक लेख लिखा था। लेख में उन्होंने कहा था कि 5 मई की रात से द्विपक्षीय संबंधों में लगातार गिरावट ने एक ही झटके में पिछले वर्षों के सभी राजनयिक लाभ को व्यावहारिक रूप से खत्म कर दिया। साल 1962 के बाद से दोनों पक्षों के बीच सामान्य संबंधों के लिए वर्तमान संकट सबसे बड़ा खतरा है। उनका आम उद्देश्य अपने लोगों के लिए एक बेहतर और शांतिपूर्ण भविष्य का निर्माण करना होना चाहिए न कि एक दूसरे के खिलाफ सैन्य निर्माण बनाए जाए।
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