India’s Innovation Revolution: क्या ₹1 लाख करोड़ का RDI फंड भारत को साइंस सुपरपावर बना देगा? PM मोदी की इस ऐतिहासिक घोषणा से खुलेगा रिसर्च इन्वेस्टमेंट का नया युग, जिसमें प्राइवेट सेक्टर निभाएगा बड़ा रोल।
नई दिल्ली। भारत अब विज्ञान, रिसर्च और इनोवेशन में नई छलांग लगाने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ‘इमर्जिंग साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन कॉन्क्लेव (ESTIC 2025)’ में ₹1 लाख करोड़ रुपये का RDI फंड (Research, Development and Innovation Fund) लॉन्च किया। इसका मकसद है – रिसर्च में प्राइवेट सेक्टर के इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देना और देश को विकसित भारत 2047 के विज़न की ओर ले जाना। इस दौरान पीएम मोदी ने भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों पर आधारित एक कॉफी टेबल बुक और साइंस एंड टेक्नोलॉजी विज़न डॉक्यूमेंट भी जारी किया।
क्या है RDI फंड और इसका फायदा किसे मिलेगा?
यह फंड भारत के वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्र को नई ऊर्जा देने वाला कदम है। सरकार इस फंड को नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (NRF) के जरिए चलाएगी। यह एक दो-स्तरीय फंडिंग स्ट्रक्चर पर काम करेगा-
- पहला स्तर: NRF के भीतर एक स्पेशल पर्पस फंड बनाया जाएगा, जो पूरे ₹1 लाख करोड़ रुपये के कॉर्पस का कस्टोडियन रहेगा।
- दूसरा स्तर: यह फंड सीधे किसी कंपनी या स्टार्टअप को नहीं देगा, बल्कि फंड मैनेजरों के जरिए निवेश करेगा। इनमें अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (AIFs), डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस (DFIs) और नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां (NBFCs) शामिल होंगी।
कैसे तय होगा किसे मिलेगा सपोर्ट?
इन्वेस्टमेंट का फैसला सरकार नहीं, बल्कि स्वतंत्र इन्वेस्टमेंट कमेटियां करेंगी, जिनमें फाइनेंस, बिज़नेस और टेक्नोलॉजी के एक्सपर्ट शामिल होंगे। यह पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा कि सच्चे इनोवेटर्स और रिसर्चर्स को फंड मिले, न कि सिर्फ बड़े कॉरपोरेट्स को।
RDI फंड से क्या बदलेगा भारत के साइंस सेक्टर में?
- प्राइवेट सेक्टर को मिलेगा रिसर्च में निवेश का आत्मविश्वास।
- स्टार्टअप्स और नई कंपनियों को टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट के लिए फंडिंग का अवसर मिलेगा।
- विज्ञान और इनोवेशन में सरकार और इंडस्ट्री का सहयोग मजबूत होगा।
- भारत को 2047 तक वैश्विक साइंस लीडर बनाने की दिशा में ठोस कदम।
भारत को क्या मिलेगा इस इनिशिएटिव से?
इस फंड से भारत को वैज्ञानिक अनुसंधान, नवाचार और नई टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता हासिल करने में मदद मिलेगी।
इसे भारत का अब तक का सबसे बड़ा साइंस-इन्वेस्टमेंट मिशन कहा जा रहा है। इसका उद्देश्य है:-
- युवाओं को रिसर्च के लिए संसाधन देना
- स्टार्टअप्स को फंडिंग सपोर्ट
- इनोवेशन-ड्रिवन इकॉनमी को बढ़ावा देना
- 2047 तक भारत को टेक्नोलॉजी में ग्लोबल लीडर बनाना
क्या यह फंड भारत को ‘वैज्ञानिक आत्मनिर्भरता’ की ओर ले जाएगा?
RDI फंड को लॉन्च करते हुए मोदी ने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत को विज्ञान, अनुसंधान और नवाचार का ग्लोबल हब बनाना ही लक्ष्य है। उन्होंने यह भी कहा कि “रिसर्च में निवेश सिर्फ खर्च नहीं, बल्कि भविष्य की नींव है।”
ESTIC 2025 के मंच से प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज का यह कदम सिर्फ निवेश नहीं, बल्कि भारत के वैज्ञानिक भविष्य में विश्वास का प्रतीक है।” उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत को ऐसा इकोसिस्टम चाहिए जहां रिसर्च, इनोवेशन और टेक्नोलॉजी मिलकर देश को आत्मनिर्भर और विश्वगुरु बनाए।
