Fake Check: सोशल मीडिया पर एआई जनरेटेड वीडियो खूब वायरल होते हैं। ऐसा ही एक वीडियो इन दिनों अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर शेयर किया जा रहा है, जिसमें एक ट्रेन बाढ़ के पानी में डूबी दिख रही है। आखिर क्या है इस वीडियो की सच्चाई, आइए जानते हैं। 

Fact Check: बाढ़ के पानी में डूबी एक ट्रेन का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक ट्रेन पुल के नीचे नदी में गिरी है और पानी तेजी से बढ़ रहा है। कुछ लोग नदी के बाहर से इस नजारे को देखकर चिल्लाते हुए भी नजर आ रहे हैं। वहीं, नदी का पानी ट्रेन के खिड़की दरवाजों तक पहुंच चुका है। आखिर क्या है इस वीडियो की सच्चाई, आइए जानते हैं।

क्या है वायरल हो रहे वीडियो की हकीकत?

वायरल वीडियो में आप देख सकते हैं कि कुछ लोग एक ब्रिज के ऊपर से खड़े होकर नदी में डूबती ट्रेन को देख रहे हैं। वहीं, पानी ट्रेन की छत के पास तक पहुंच गया है। कई बोगियां तो पानी में पूरी तरह डूबी हुई दिख रही हैं। PIB फैक्ट चेक टीम ने इस वीडियो को फेक बताते हुए एक पोस्ट शेयर की है, जिसमें बताया है कि इसे AI के जरिये एडिट करके बनाया गया है। फैक्ट चेक टीम ने लिखा- ये वीडियो पूरी तरह AI जनरेटेड है ना कि किसी वास्तविक घटना का। इस तरह के कंटेंट शेयर करने से बचें, ताकि बेवजह डर और भ्रम की स्थिति पैदा न हो।

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AI से बने वीडियो को कैसे पहचानें?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI से बने वीडियो को कुछ ट्रिक के जरिये आसानी से पहचाना जा सकता है।

  • AI से बने और ऑरिजिनिल वीडियो के विजुअल पर ध्यान देंगे तो दोनों में आपको साफतौर पर बड़ा अंतर नजर आएगा। एआई जनरेटेड वीडियो को पहचानने के लिए सबसे पहले फेशियल मूवमेंट पर ध्यान दें। यहां आपको लिपसिंक और ब्लिंकिंग पैटर्न देखने को मिलेंगे, जिनके जरिये आप आसानी से फेक वीडियो की पहचान कर सकते हैं।
  • इसके अलावा एआई जनरेटेड वीडियो ध्यान से देखने पर आपको ब्लर दिखेगा। फेस के कोनों को ध्यान से देखने पर आप आसानी से इन्हें पहचान सकते हैं।
  • AI जनरेटेड वीडियो को आप लाइटिंग और शेड के जरिये भी आसानी से पहचान सकते हैं। जैसे- ऑरिजिनल वीडियो होगा तो फेस पर पड़ने वाली लाइट की वजह से बैकग्राउंड में शैडो नजर आएगी, जबकि एआई वीडियो में ऐसा नहीं होगा।
  • Metadata का विश्लेषण करके आप एआई वीडियो की क्रिएशन डेट, एडिटिंग हिस्ट्री पता कर सकते हैं। रियल वीडियो में डेट के अलावा और भी कई तरह की डिटेल्स होती हैं, जबकि एआई से हेरफेर कर बनाए गए वीडियो में ऐसा कुछ नहीं मिलेगा।
  • कई बार एआई जनरेटेड वीडियो पर बनाने वाला अपना लोगो या वॉटरमार्क बहुत हल्के में लगा देता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि ऑरिजिनल और फेक वीडियो में अंतर किया जा सके।

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