सार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ी घोषणा करते हुए बताया है कि नई कर व्यवस्था में सात लाख रुपए तक आमदनी वालों को कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। लोग 50 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ भी ले सकते हैं।

उडुपी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने मध्यम वर्ग के लोगों को टैक्स संबंधी कई लाभ दिए है। इसमें प्रति वर्ष 7.27 लाख रुपए तक की आय वालों के लिए आयकर छूट भी शामिल है। सरकार ने समाज के किसी भी वर्ग को नहीं छोड़ा है। सभी का ध्यान रखा गया है।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि जब 2023-24 के केंद्रीय बजट में 7 लाख रुपए तक की आय वालों के लिए आयकर छूट देने का फैसला लिया गया तो कई लोगों ने तरह-तरह की बातें की। लोग बोल रहे थे कि सात लाख के बाद एक रुपए की भी कमाई हुई तो क्या होगा। अब अगर आप 7.27 लाख रुपए तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि आप 50 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ भी ले सकते हैं। नई योजना से शिकायत यह थी कि कोई स्टैंडर्ड डिडक्शन नहीं थी। यह अब दिया गया है। हमने टैक्स भुगतान को सरल किया है।

 

 

MSME के बजट में 9 साल में हुई सात गुना वृद्धि

केंद्र सरकार द्वारा किए गए कामों को गिनाते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि 2013-14 के बजट में MSME (Micro, Small and Medium Enterprises) के लिए 3,185 करोड़ रुपए दिए गए थे। 2023-24 में यह बढ़कर 22,138 करोड़ रुपए हो गया है। मोदी सरकार के 9 साल में MSME को दिए जाने वाले बजट में सात गुना वृद्धि हुई है। सरकार ने MSME को बढ़ावा दिया है। 158 केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों द्वारा की गई कुल खरीद का 33 प्रतिशत एमएसएमई से किया गया है। यह अब तक का सबसे अधिक है।

वित्त मंत्री ने कहा कि हमने TReDS (Trade Receivables Discounting System) प्लेटफॉर्म लॉन्च किया। इससे खरीददार द्वारा पेमेंट नहीं करने पर MSME और अन्य निगमों को पैसे की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार ने व्यापार शुरू करने में आने वाली बाधाओं को दूर किया है। इसका असर है कि विश्व बैंक की व्यापार करने में आसानी सूचकांक में भारत की रेटिंग में सुधार हुआ है। 2014 में भारत की रेटिंग 142 थी जो 2019 में सुधरकर 63 हो गई।