Green India challenge के तहत तेलंगाना में चार ऐसे पेड़ों को नया जीवन दिया गया जिनको काटा जाना तय किया गया था। हालांकि, अब वह पेड़ दूसरी जगह फिर हरा भरा होकर लोगों को छांव दे रहे हैं।
महबूबनगर। छोटे पौधों को तो एक जमीन से दूसरी जगह ले जाकर रोपते हुए आपने देखे होंगे लेकिन किसी पेड़, वह भी जिसकी उम्र करीब 100 साल आंकी गई हो, उसे दूसरी जगह ले जाकर रोपना किसी आश्चर्य से कम नहीं। लेकिन यह आश्चर्य महबूबनगर में हुआ है। ग्रीन इंडिया चैलेंज के तहत महबूबनगर में 100 साल पुराने 4 पेड़ों को एक गेस्ट हाउस परिसर से पार्क में ले जाकर लगाया गया।

केसीआर इको पार्क में लगाए गए चार पार्क
100 साल से अधिक उम्र के 4 पेड़ आर एंड बी गेस्ट हाउस से महबूबनगर के केसीआर इको पार्क में स्थानांतरित किए गए हैं। दरअसल, इन पेड़ों को आर एंड बी गेस्ट हाउस में करीब 100 साल पहले लगाया गया था। समय के साथ ये पेड़ फलने-फूलने के साथ अपनी शाखाओं का भी विस्तार करते गए। हालांकि, इधर कुछ दिनों से इन पेड़ों को काटने की बात चल रही थी। क्योंकि गेस्ट हाउस परिसर में जहां ये पेड़ लगे थे वहां एक भव्य बाजार का निर्माण प्रस्तावित है।
ग्रीन इंडिया चैलेंज के तहत पेड़ों के ट्रांसफर का जिम्मा
पेड़ों को निर्माण कार्य के पहले हटाने या काटने की बात होने लगी लेकिन फिर निर्णय लिया गया कि उसे काटने की बजाय किसी अन्य जगह ले जाकर लगा दिया जाए ताकि उनका अस्तित्व बचाया रखा जा सके।

इसके बाद पेड़ों का स्थानान्तरण कार्य शुरू किया गया। खुद आबकारी मंत्री डॉ वी श्रीनिवास गौड़ और जिला कलेक्टर एस वेंकट राव ने अपनी देखरेख में काम को शुरू कराया। जिले के जागरूक लोगों की उपस्थिति में इस काम को अंजाम दिया गया। पेड़ को क्रेन की सहायता से कुछ फीट नीचे तक जड़ सहित निकाला जाता और उसे चिंहित जगहों पर ले जाकर लगाया जाता। इस शिफ्टिंग में ग्रीन इंडिया चैलेंज के संस्थापक और आरएस एमपी जोगिनपल्ली संतोष कुमार, मंत्री व जिला कलक्टर के अलावा वात फाउंडेशन एवं पब्लिक हेल्थ ई. विजया भाष्कर आदि की सराहनीय भूमिका रही। इस मौके पर डीसीसीबी के वाइस चेयरमैन कोरामोनी वेंकटय्या, मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन राकेश मौजूद थे।
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