सार
अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद में पिछले दिनों तांत्रिक नवलसिंह चावड़ा की मौत पुलिस हिरासत में हो गई। पूछताछ के दौरान उसने 12 लोगों की हत्या की बात कबूली थी। उसने अपनी दादी, मां और चाचा को मार डाला था। परिवार के लोग बीमार पड़ते तो वह उन्हें दवा के नाम पर जहर दे देता था। वह इलाज पर पैसे खर्च नहीं करना चाहता था। पुलिस ने चावड़ा की कोठरी से कंकाल बरामद किए हैं। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार चावड़ा लोगों को मारने के लिए सोडियम नाइट्राइट नाम के जहर का इस्तेमाल करता था।
TOI की रिपोर्ट के अनुसार एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि नवलसिंह चावड़ा ने 2010 में अपनी दादी मंगू वानिया की हत्या की थी। वह उम्र से संबंधित बीमारियों से पीड़ित थी। चावड़ा उसके इलाज पर पैसे खर्च नहीं करना चाहता था। उसने पानी में जहर मिलाकर दादी को पिला दिया। कहा कि यह दवा है इससे ठीक हो जाओगी।
नवलसिंह चावड़ा ने जहर पिलाकर की थी मां की हत्या
पुलिस अधिकारी ने बताया कि चावड़ा ने 9 महीने पहले इसी तरह अपनी मां सरोज चावड़ा की हत्या की थी। वह बीमार थीं। घरेलू मामलों पर उसका मां के साथ झगड़ा होता था। चावड़ा ने जनवरी में अपने चाचा सुरा चावड़ा की हत्या की। वह भी बीमार पड़ गए थे। शुरुआत में उसने चाचा के इलाज पर कुछ पैसे खर्च किए, लेकिन जब उनकी हालत बिगड़ने लगी तो चावड़ा ने उन्हें जहर पिलाकर मार दिया।
बीमार रिश्तेदारों पर पैसे खर्च नहीं करना चाहता था चावड़ा
जोन-7 के डीसीपी शिवम वर्मा ने बताया कि चावड़ा अपने बीमार रिश्तेदारों पर पैसे खर्च नहीं करना चाहता था। इसलिए उसने उनकी हत्या कर दी। उसने हत्याएं इतनी सफाई से की कि किसी को शक नहीं हो। इन मामलों की जांच सुरेंद्रनगर पुलिस ने नहीं की। चावड़ा परिवार के किसी सदस्य ने मौतों को लेकर शिकायत नहीं की। उन्हें लगा कि सभी मौतें प्राकृतिक हैं। परिवार के लोगों ने पुलिस को बताया कि सभी की मौत दिल का दौड़ा पड़ने से हुई।
दूसरी ओर, पुलिस हिरासत में चावड़ा की मौत भी संदेह के घेरे में है। बीमारी का कोई इतिहास न होने के बावजूद उनकी अचानक मौत हो गई। पुलिस ने कहा कि मौत की वजह जानने के लिए शव का पैनल पोस्टमार्टम किया गया।
चावड़ा को 1 दिसंबर को मुमतपुरा में एक सुनसान जगह पर सरखेज पुलिस ने छापेमारी कर पकड़ा था। यहां वह साणंद के अभिजीतसिंह राजपूत नाम के व्यक्ति की हत्या करने वाला था। चावड़ा ने तांत्रिक अनुष्ठान करने के लिए अभिजीत को बुलाया था। उसे झांसा दिया था कि अनुष्ठान करने से उसके पैसे चार गुना हो जाएंगे। उसकी साजिश जहर पिलाकर अभिजीत को मारने और उसके पैसे हड़पने की थी। उसने इसी तरह अपने झांसे में लेकर पहले भी कई लोगों की हत्याएं की थी। हालांकि, चावड़ा के एक करीबी को इसके बारे में पता था। उसने पुलिस को जानकारी दी, जिससे राजपूत को बचा लिया गया।
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