सार
HAL ने पहला दो सीट वाला पहला तेजस फाइटर जेट बनाकर वायुसेना को सौंप दिया है। इसका इस्तेमाल ट्रेनिंग में होगा। जरूरत पड़ने पर यह लड़ाई में भी इस्तेमाल हो सकता है।
बेंगलुरु। लड़ाकू विमान बनाने वाली भारत की सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने बड़ी कामयाबी पाई है। HAL ने पहली बार दो सीट वाला लड़ाकू विमान तैयार किया है और इसे भारतीय वायु सेना को सौंप दिया है। HAL द्वारा हल्के वजन वाला लड़ाकू विमान तेजस बनाया जाता है। इस विमान में एक सीट होता है। HAL ने इसके दो सीट वाले वर्जन को तैयार कर लिया है और इसे वायु सेना को सौंप दिया है।
दो सीट वाले तेजस विमान को मुख्य रूप से ट्रेनिंग के लिए तैयार किया है। इसके एक सीट पर ट्रेनी पायलट और दूसरे पर इंस्ट्रक्टर बैठेंगे। HAL ने कहा है कि तेजस के ट्विन सीटर वेरिएंट में वायुसेना की सभी प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता है। जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल लड़ाई में भी हो सकता है।
4.5 जेनरेशन का मल्टी रोल फाइटर जेट है तेजस
ट्विन सीटर एलसीए तेजस हल्के वजन वाला मल्टी रोल फाइटर जेट है। यह 4.5 जेनरेशन का विमान है। एचएएल ने बताया है कि तेजस को अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस किया गया है। इसमें क्वाड्रप्लेक्स फ्लाई-बाय-वायर फ्लाइट कंट्रोल, आधुनिक उन्नत ग्लास कॉकपिट, इंटिग्रेटेड डिजिटल एवियोनिक्स सिस्टम और एयरफ्रेम है। तेजस छोटे आकार और डेल्टा विंग डिजाइन के चलते बेहद फुर्तीला है।
ट्विन सीटर फाइटर जेट बनाने में मिली कामयाबी से भारत उन खास देशों में शामिल हो गया है, जिसके पास यह क्षमता है। इसके साथ ही इससे भारत सरकार की "आत्मनिर्भर भारत" पहल को भी बल मिला है। एचएएल के पास भारतीय वायुसेना से 18 ट्विन सीटर का ऑर्डर है। वह 2023-24 के दौरान उनमें से आठ की डिलीवरी करने की योजना बना रही है। शेष 10 को 2026-27 तक वितरित किया जाएगा।