Womens Day 2024: आखिर कौन सी है वह घटना जिसके बाद बन गई गुलाबी गैंग, अत्याचार और अव्यवस्था के खिलाफ बनी आवाज
महिलाओं के अधिकारों को दिलाने के लिए गुलाबी गैंग खास काम कर रही है। इस गैंग के सदस्यों की पहचान गुलाबी साड़ी और लाठी से होती है। यह गैंग महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ उनके अधिकारों को दिलाने की दिशा में काम करता है।
गुलाबी गैंग आज के समय में महिलाओं की आवाज बनकर उभर रही है। जिन अधिकारों को परिवार, समाज या घर के द्वारा छीनने का प्रयास किया जाता है उनको महिलाओं को दिलाने के लिए यह गैंग काम कर रही है। इस गैंग की शुरूआत 2006 में हुई थी। बताया जाता है कि संपत पाल की शादी महज 12 साल की उम्र में सब्जी बेचने वाले अधेड़ से कर दी गई। ससुराल में उसकी जिंदगी मुश्किलों से भरी थी और हरिजन परिवार को पानी देने की घटना ने उसका जीवन बदल दिया। संपत ने कमजोर की आवाज बनने का इरादा न छोड़ते हुए आगे कदम बढ़ाया। पति के द्वारा मारपीट की घटना के बाद सबक सिखाने की नियत से ही गुलाबी गैंग का जन्म हुआ।