सार
2 अप्रैल को एक वर्चुअल कार्यक्रम में भारत-आस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौता ( इंड ऑस ईसीटीए-India-Australia economic cooperation and trade agreement) पर हस्ताक्षर किए गए। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने दोनों देशों की मित्रता को सराहा।
नई दिल्ली. आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) तथा ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन(Scott Morrison) की उपस्थिति में एक वर्चुअल समारोह में भारत-आस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौता ( इंड ऑस ईसीटीए-India-Australia economic cooperation and trade agreement) पर हस्ताक्षर किए गए। यह कार्यक्रम वर्चुअल हुआ।
द्विपक्षीय रिश्तों के लिए सचमुच एक ऐतिहासिक क्षण
इस मौके पर मोदी ने कहा-इतने कम समय में इतने महत्वपूर्ण समझौते पर सहमति बनना दिखाता है कि दोनों देशों के बीच कितना आपसी विश्वास है। ये हमारे द्विपक्षीय रिश्तों के लिए सचमुच एक ऐतिहासिक क्षण है। भारत-ऑस्ट्रेलिया के ये रिश्ते मित्रता का स्तंभ है। ये एग्रीमेंट हमारे बीच स्टूडेंट, प्रोफेसनल्स और पर्यटकों का आदान-प्रदान आसान बनाएगा। जिससे ये संबंध और मजबूत होंगे।
अवसरों का पूरा लाभ उठाएंगे
मोदी ने कहा-हमारी अर्थव्यवस्थाओं के बीच एक-दूसरे की आवश्यकताओं को पूरा करने की बहुत क्षमता है, इस समझौते से हम इन अवसरों का पूरा लाभ उठा पाएंगे। इस समझौते के आधार पर हम साथ मिलकर सप्लाई चेन का लचीलापन बढ़ाने और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिरता में भी योगदान कर पाएंगे।
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने कही भारत को लेकर ये बात
ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा-जब से हमने अपनी व्यापक, रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है, हमारे सहयोग की गति और पैमाना उल्लेखनीय रहा है। मेरी सरकार ने करीब 282 मिलियन अमेरिकी डालर की नई पहल की घोषणा की है। इसमें शिखर सम्मेलन भी शामिल है, जो हमारे विस्तारित सहयोग को बढ़ावा देगा। यह भारत के साथ हमारे संबंधों में ऑस्ट्रेलियाई सरकार का सबसे बड़ा निवेश है, लेकिन यह आखिरी नहीं होगा और अब उस रिश्ते में एक और मील का पत्थर होगा। इंडऑस समझौते पर हस्ताक्षर हमारे आर्थिक संबंधों के वादे पर आगे बढ़ता है।
यह भी जानें- रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच लंबे समय से आर्थिक तथा वाणिज्यिक संबंध बेहतर बने हुए हैं। बता दें कि इंड ऑस ईसीटीए, जिसमें वस्तुओं तथा सेवाओं में व्यापार सम्मिलित है, एक संतुलित तथा न्यायसंगत व्यापार समझौता है। यह दोनों देशों के बीच पहले से ही मौजूद गहरे, घनिष्ठ तथा रणनीतिक संबंधों को और मजबूती देगा। इसके अलावा वस्तुओं तथा सेवाओं में द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय रूप से बढ़ोतरी करेगा। नए रोजगार अवसर पैदा होंगे। जीवन स्तर बढ़ेगा। यानी दोनों देशों के लोगों की सामान्य भलाई में बेहतरी लाएगा।