सार
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद को लेकर बड़ी अपडेट आई है। सेना के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेपचोक में समय सीमा से पहले ही सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है। इस क्षेत्र में जल्द ही गश्त शुरू हो जाएगी। गुरुवार को दिवाली पर्व को लेकर भारत और चीन के सैनिक एक दूसरे को मिठाई खिलाएंगे।
गश्त के तौर-तरीके ग्राउंड कमांडरों द्वारा तय किए जाएंगे। भारत में चीनी राजदूत जू फेइहोंग ने कोलकाता में मीडिया से कहा कि दोनों देशों के बीच "कई महत्वपूर्ण समझौते" हुए हैं। रूस में BRICS सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच बहुत महत्वपूर्ण बैठक हुई है। दोनों नेताओं के बीच अहम सहमति बनी है। इससे दोनों देशों के संबंध आगे बढ़ेंगे।
राजदूत ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि इस आम सहमति के मार्गदर्शन में हमारे संबंध भविष्य में सुचारू रूप से आगे बढ़ेंगे। दो पड़ोसी देशों के रूप में यह स्वाभाविक है कि हमारे बीच कुछ मतभेद हों। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें कैसे निपटाया जाए, हल किया जाए।"
गलवान में झड़प के बाद आमने-सामने थे सैनिक
बता दें कि मई 2020 लद्दाख के गलवान में चीन और भारत के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। चीनी सैनिकों ने भारत के क्षेत्र में आकर कैंप लगाया था। उन्हें हटाने भारतीय जवान पहुंचे थे। झड़प के चलते 20 भारतीय सैनिक मारे गए थे। चीनी सैनिकों की भी जान गई थी, लेकिन सटीक संख्या के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी।
इसके बाद दोनों पक्षों की ओर से सैनिकों की संख्या बढ़ाई गई। गतिरोध को हल करने के लिए सैन्य-स्तरीय वार्ता शुरू हुई। सितंबर 2022 में भारतीय और चीनी सैनिक लद्दाख के विवादास्पद गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र से पीछे हटे। वे अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति में लौट आए। सीमा विवाद का असर भारत और चीन के संबंध पर पड़ा। भारत ने साफ कह दिया कि जब तक सीमा पर शांति नहीं होगी व्यापार और दूसरे मुद्दों पर बात आगे नहीं बढ़ेगी।
पीएम नरेंद्र मोदी ने जिनपिंग से कहा-सीमा पर शांति होनी चाहिए
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में कहा, "हम गश्त पर एक समझौते पर पहुंच गए हैं। हम 2020 की स्थिति पर वापस आ गए हैं। चीन के साथ डिसइंगेजमेंट हो गया है।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 अक्टूबर को रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी। 2019 के बाद से दोनों नेताओं की पहली बैठक हुई। पीएम मोदी ने जिनपिंग से कहा, "हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना होनी चाहिए कि हमारी सीमा पर शांति और स्थिरता बनी रहे।"
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