सार

भारतीय सेना (Indian Army) को दुश्मनों के छक्के छुड़ाने एक और जबर्दस्त हथियार मिल गया है। DRDO के सोर्स के अनुसार भारत ने 22 दिसंबर को सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह जो 150 से 500 किलोमीटर के लक्ष्य को भेद सकती है।

नई दिल्ली. भारतीय सेना (Indian Army) की ताकत में और ईजाफा हुआ है। DRDO के सोर्स के अनुसार भारत ने 22 दिसंबर को सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह जो 150 से 500 किलोमीटर के लक्ष्य को भेद सकती है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह( Rajnath Singh) ने इस पहली विकास उड़ान परीक्षण के लिएरक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation-DRDO) और संबंधित टीमों को बधाई दी। उन्होंने तेजी से विकास और सतह से सतह पर मार करने वाली आधुनिक मिसाइल के सफल प्रक्षेपण के लिए डीआरडीओ की सराहना की।

DRDO के चेयरमैन और  सचिव डीडी आर एंडडी (Secretary DD R&D)डॉ. जी सतीश रेड्डी ने टीम की सराहना की और कहा कि यह मिसाइल आधुनिक तकनीकों से लैस एक नई पीढ़ी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है और इस हथियार प्रणाली को शामिल करने से सशस्त्र बलों को आवश्यक प्रोत्साहन मिलेगा।

एक टन वॉर हेड ले जा सकती है
मिसाइल का सफल परीक्षण ओडिशा के तट पर स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आईलैंड से किया गया। इसे DRDO ने ने डेवेलप किया है। यह मिसाइल अपने साथ एक टन तक वॉरहेड(गोला-बारूद) ले जा सकती है। इस मिसाइल के सफल परीक्षण से दुश्मन देशों की हरकतों से आसानी से निपटा जा सकेगा। खासकर; इस समय पाकिस्तान और चीन के लिए यह तनावभरी खबर है।

लगातार सैन्य शक्ति बढ़ा रहा भारत
इससे पहले भारत ने शनिवार को बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि प्राइम का सफल परीक्षण किया गया था। करीब 2000 किमी तक मार करने वाली यह मिसाइल नेक्स्ट जेनरेशन की है। इसका परीक्षण भी ओडिशा के बालासोर में किया गया था। इसे भी DRDO ने बनाया है। अग्नि-प्राइम को अग्नि-1 और अग्नि-2 सीरिज की मिसाइल से अधिक उन्नत माना जा रहा है। हालांकि इसकी रेंज कम है। इसमें तकनीक अग्नि-5 जैसी इस्तेमाल की गई है। यह दुश्मन के मिसाइल डिफेंस सिस्टम से भी पकड़ में नहीं आएगी।

वहीं, दिसंबर की शुरुआत में यानी 8 दिसंबर को भारत ने सुखोई लड़ाकू विमान से सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के एयर वर्जन का सफल परीक्षण किया था। यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से किया गया था। जबकि 7 दिसंबर को कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (VL-SRSAM) का सफल परीक्षण हुआ था। यह एयर डिफेंस सिस्टम 15 किलोमीटर की दूरी तक वार कर सकता है।

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