सार
आतंकवादी यासीन मलिक (Yasin Malik) को टेरर फंडिंग (Terror Funding) केस में उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद घाटी में उपद्रव करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिए जा रहे हैं। इस मामले में अब तक 10 लोगों को पकड़ा जा चुका है। हिंसा भड़काने का मुख्य आरोपी भी गिरफ्तार किया जा चुका है। इनके खिलाफ सख्त धाराएं लगाई गई हैं।
श्रीनगर. 1990 के दशक में जम्मू-कश्मीर में आतंक का पर्याय बने यासीन मलिक (Yasin Malik) को टेरर फंडिंग (Terror Funding) केस में उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद सुरक्षाबलों पर पथराव करने वालों की शामत आ गई है। घाटी में उपद्रव करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिए जा रहे हैं। इस मामले में अब तक 10 लोगों को पकड़ा जा चुका है। हिंसा भड़काने का मुख्य आरोपी भी गिरफ्तार किया जा चुका है। इनके खिलाफ सख्त धाराएं लगाई गई हैं।
लगातार छापामार कार्रवाई, अब तक 10 अरेस्ट
मैसूमा में कल सजा सुनाए जाने से पहले यासीन मलिक के घर के बाहर देश विरोधी नारेबाजी और पथराव करने के आरोप में अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। श्रीनगर पुलिस के अनुसार अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम(Unlawful Activities Prevention Act- ULPA) और आईपीसी(IPC) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस गुंडागर्दी को भड़काने वाले मुख्य लोगों पर जन सुरक्षा कानून(Public Safety Act) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
आधी रात को हुई छापामारी
पुलिस ने एक बयान में कहा गया है कि आधी रात को कई जगहों पर छापेमारी की गई, जिससे पथराव करने वालों की गिरफ्तारी हुई। इस संबंध में मैसूमा पुलिस थाने में अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम की धारा 13 के तहत आईपीसी की धारा 120बी,147,148,149, 336 के साथ पठित आईपीसी की धारा 34 के तहत प्राथमिकी संख्या 10/2022 दर्ज की गई है। पुलिस ने कहा कि हिंसा भड़काने वालों पर भी पीएसए के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और उन्हें जम्मू-कश्मीर के बाहर की जेलों में रखा जाएगा।
पुलिस की चेतावनी-करियर बर्बाद न करें
पुलिस ने सख्त चेतावनी दी कि इस तरह के किसी भी प्रयास को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके अलावा निहित स्वार्थों द्वारा कानून और व्यवस्था की स्थिति को भड़काने के सभी शरारती प्रयासों से भी कानून की पूरी ताकत से निपटा जाएगा। पुलिस ने श्रीनगर के युवाओं से फिर से अनुरोध किया कि वे ऐसी गतिविधियों में शामिल न हों, जो उनके करियर या परिवार के लिए मुसीबत बनें।
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