सार

अल्ताफ और मुदासिर के परिवारों ने कहा कि उन्होंने कई बार पुलिस थाने का दौरा किया और मांग की कि शव उन्हें वापस कर दिए जाएं लेकिन उन्हें मना कर दिया गया।

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में सैन्य बलों (Security forces) का आतंकवाद विरोधी अभियान (anti terrorist operation)  लगातार जारी है। श्रीनगर (Srinagar) में सुरक्षा बलों के एंटी-टेररिस्ट ऑपरेशन में दो व्यापारियों (two businessman) समेत चार लोगों को मार गिराया गया है। मारे गए आतंकवादी थे जबकि दोनों व्यापारियों के कनेक्शन आतंकवादियों संग बताए जा रहे हैं। पुलिस ने कहा कि मुठभेड़ स्थल से दो पिस्तौल बरामद किए गए हैं और वाणिज्यिक परिसर में चलाए जा रहे कॉल सेंटर का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया गया था। पुलिस ने कहा कि ऑपरेशन में मारे गए दोनों व्यवसायी "आतंकवादी समर्थक" थे। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने हत्याओं की जांच की मांग की है। 

हैदरपोरा में हुआ था एनकाउंटर

सुरक्षा बलों के साथ आतंकवादियों का एनकाउंटर सोमवार शाम को हुआ था। मारे गए दोनों व्यवसायी डॉ.मुदासिर गुल (Dr.Mudasir Gul) और अल्ताफ भट (Altaf Bhat) की हैदरपोरा के कमर्शियल कांप्लेक्स में दूकानें हैं। यहीं एनकाउंटर हुआ। डॉ. मुदासिर गुल एक ट्रेन्ड दंत चिकित्सक हैं। परिसर में ही वह कंप्यूटर केंद्र भी चलाते हैं। जबकि अल्ताफ भट इस कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के मालिक थे। इसी परिसर में वह हार्डवेयर और सीमेंट की दूकान भी चलाते थे।

परिजन ने लगाया आरोप

दोनों व्यवसायी परिवारों का आरोप है कि सुरक्षाबलों ने व्यापारियों को मार गिराया। हालांकि, पुलिस का कहना है कि दोनों या तो आतंकी फायरिंग में मारे गए या फिर फायरिंग के दौरान मारे गए। साइमा भट ने ट्वीट किया, "आपने मेरे मासूम चाचा मोहम्मद अल्ताफ भट को हैदरपोरा में निर्मम हत्या में मार डाला, आपने उसे मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया और अब कह रहे हैं कि वह "ओजीडब्ल्यू" था। हमें उसका शरीर लौटा दो।"

परिजन को नहीं मिला शव

परिजन अंतिम संस्कार के लिए शव की मांग कर रहे थे। जबकि शवों को पुलिस ने दफनवा दिया। पुलिस ने कहा कि चारों शवों को श्रीनगर से 100 किलोमीटर दूर उत्तरी कश्मीर के हंदवाड़ा इलाके में दफनाया गया। पुलिस ने कहा कि कानून और व्यवस्था की स्थिति के कारण शवों को परिवारों को नहीं सौंपा जा सकता है। 

अल्ताफ और मुदासिर के परिवारों ने कहा कि उन्होंने कई बार पुलिस थाने का दौरा किया और मांग की कि शव उन्हें वापस कर दिए जाएं लेकिन उन्हें मना कर दिया गया। एक रिश्तेदार ने कहा, "कल रात 10 बजे हमने सुना कि डॉ मुदासिर की हत्या कर दी गई है। कृपया न्याय करें और हमें उसका शव दें। वह एक दंत चिकित्सक था और हैदरपोरा में परिसर में अपना व्यवसाय चला रहा था।" परिवार ने कहा, "यह झूठ है कि वह एक ओजीडब्ल्यू (आतंकवादियों का जमीनी कार्यकर्ता) था।"

पुलिस का दावा कॉल सेंटर अवैध

कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने कहा कि मुदासिर का कंप्यूटर सेंटर एक अनधिकृत कॉल सेंटर था, जिसमें छह कंप्यूटर थे। आईजी ने कहा, "हमने मुदासिर और अल्ताफ के परिवारों से दफनाने के लिए संपर्क किया। चूंकि हमें कानून और व्यवस्था की समस्या की आशंका है, इसलिए हम परिवारों को शव नहीं सौंप सकते। हम शवों को हंदवाड़ा ले गए जहां दफनाया गया।" शुरू में पुलिस ने कहा कि दोनों व्यवसायी घायल हुए और अंततः आतंकवादी गोलीबारी में मारे गए, लेकिन बाद में कहा कि वे क्रॉस फायरिंग में पकड़े गए होंगे।

महबूबा मुफ्ती ने उठाया एनकाउंटर पर सवाल

पीडीपी अध्यक्ष व जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने इस एनकाउंटर पर सवाल उठाया है। महबूबा ने ट्वीट किया कि "निर्दोष नागरिकों को मानव ढाल के रूप में उपयोग करना, उन्हें क्रॉस फायरिंग में मारना और फिर आसानी से उन्हें ओजीडब्ल्यू के रूप में लेबल करना अब भारत सरकार की नियम पुस्तिका का हिस्सा है। सत्य को सामने लाने और इस प्रचलित संस्कृति को समाप्त करने के लिए एक विश्वसनीय न्यायिक जांच आवश्यक है।”

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