सार

आयुष मंत्रालय ने सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंसेज (CCRAS), जर्नल ऑफ रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंसेज (JRAS) के आधिकारिक रिसर्च पब्लिकेश का एक स्पेशल एडिशन लॉन्च किया है। यह "आयुष क्षेत्र पर मन की बात के प्रभाव" पर केंद्रित है।

नई दिल्ली: आयुष मंत्रालय ने सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंसेज (CCRAS) और जर्नल ऑफ रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंसेज (JRAS) के आधिकारिक रिसर्च पब्लिकेशन का एक स्पेशल एडिशन लॉन्च किया है। इस स्पेशल एडिशन को नई दिल्ली में शुक्रवार को आयुष मंत्री सर्बानंद सोनेवाल ने जारी किया। जानकारी के मुताबिक यह स्पेशल एडिशन आयुष क्षेत्र पर मन की बात के प्रभाव पर केंद्रित है। इस जर्नल में आयुष क्षेत्र पर "मन की बात" के प्रभाव पर प्रकाश डाला गया है। इसमें बताया गया है कि कैसे आयुष देश की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (National Health Policy) का एक बुनियादी स्तंभ बन रहा है।

बता दें आयुष मंत्रालय ने इस स्पेशल एडिशन को पीएम मोदी के रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 100 एपिसोड से ठीक पहले जारी किया है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब तक मन की बात (Mann ki Baat) के 37 एपिसोड में आयुष शब्द का उल्लेख कर चुके हैं। कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कई बार लोगों से हेल्थी लाइफ स्टाइल अपनाने, योग का अभ्यास करने और आयुर्वेद को अपनाने का आग्रह किया है। आयुष क्षेत्र को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री के प्रयासों के चलते न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर भारतीय चिकित्सा पद्धति के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ी है।

इसमें देश के जाने माने एक्सपर्ट्स के 24 आर्टिकल शामिल हैं। इनमें से 7 आर्टिकल में पॉलिसी और पब्लिक हेल्थ, साइंस और एविडेंस, हेल्थ ऐजूकेशन एंड अवेयरनेस, योग और स्वस्थवृत्त, वॉर अगेंस्ट कोरोना, इंडस्ट्री एंड और अकादमिक कॉलाबरेशन और ग्लेबलाइजेशन और इंटरनेशनल कोऑपरेशन पर मन के बात की प्रभाव के बारे में बताया गया है।

पॉलिसी और पब्लिक हेल्थ पर मन की बात का प्रभाव

एक्सपर्ट्स के मुताबिक मन की बात पीएम को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के तरीकों को सूचित करने, शिक्षित करने और लोगों को याद दिलाने में सक्षम बनाने में सहायक रही है।

साइंस को मन की बात का योगदान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में साइंस को लेकर कई बार चर्चा की है। पीएम ने भारत को आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने में विज्ञान के योगदान की सराहना की और देश की जनता से 'लैब टू लैंड' मंत्र को आगे बढ़ाने का आह्वान किया। इससे साइंस के प्रति लोगों रूझान बढ़ा है।

मन की बात से हेल्थ ऐजूकेशन एंड अवेयरनेस को मिला बढ़ावा

पीएम ने मन की बात में स्वास्थ्य से जुड़े कई विषयों को छुआ है, जिसमें स्वच्छता से लेकर समग्र स्वास्थ्य तक शामिल हैं। इस दौराम पीएम मोदी ने मानसिक स्वास्थ्य के संवेदनशील मुद्दे के बारे में भी बात की, लोगों को खुली बातचीत करने और कठिन मानसिक स्थिति में मदद करने के लिए प्रोत्साहित किया है।

मन की बात से योग और स्वस्थवृत्त पर प्रभाव

पीएम मोदी ने मन की बात में कई बार योग और स्वस्थवृत्त पर चर्चा की। इससे न केवल भारत में बल्कि विदेशों में योग को बढ़ावा मिला। आज दुनियाभर के लोग बड़ी तादात में योग अपना रहे हैं।

मन की बात ने कोरोना से लड़ने में की मदद

कोरोना महामारी के वक्त पीएम नरेंद्र मोदी ने देशव्यापी लॉकडाउन के बीच 'मन की बात' के माध्यम से कोरोना वायरस के मुद्दे पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने एक-दूसरे का साथ देने, पीएम केयर फंड में योगदान देने और सफाई का ख्याल रखने को लेकर लोगों का मनोबल ऊंचा किया।

मन की बात से इंडस्ट्री एंड और अकादमिक कॉलाबरेशन को मिला बढ़ावा

पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम से देशभर में इंडस्ट्री एंड और अकादमिक कॉलाबरेशन को बढ़ावा मिला। इस दौरान लोगों ने डिजिटल पेमेंट करना शुरू किया और कंपनियों ने डिजिटल इनिशेटिव शुरू किए। नए-नए स्टार्टअप भी सामने आए।

मन की बात से बढ़ा इंटरनेशनल कोऑपरेशन

मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी लगातार उन लोगों का जिक्र करते रहे, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ी। इतना ही नहीं मन के बात से विदेश में रह रहे भारतीय नागरिक भी जुड़े। पीएम ने उन भारतीयों का भी जिक्र किया, जो विदेश में रहकर भारत का नाम रोशन कर रहे हैं।

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