सार
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 2.60 लाख मतदाताओं ने नोटा बटन दबाया। इन्होंने किसी भी पार्टी को अपना मत नहीं दिया। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि भाजपा रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी।
बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा की 224 सीटों के लिए हुए चुनाव के रिजल्ट आ गए हैं। कांग्रेस को बड़ी जीत मिली है। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि भाजपा रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी।
इस चुनाव में हिस्सा लेने वाले ऐसे लोगों की संख्या बहुत अधिक थी जो न भाजपा को पसंद कर रहे थे और न कांग्रेस को। ऐसे करीब 2.6 लाख मतदाताओं ने नोटा (किसी को नहीं) के बटन को दबाया है। नोटा बटन दबाने का मतलब है कि मतदाता वोट तो डाल रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं है। इसलिए अपना वोट किसी को नहीं दे रहे हैं।
2013 में में हुई थी नोटा की शुरुआत
चुनाव आयोग के आंकड़े के अनुसार 10 मई को कर्नाटक में हुए मतदान के दौरान करीब 3.84 करोड़ मतदाताओं ने वोट डाला था। इनमें से 2,59,278 ने नोटा बटन दबाया। 2013 में EVM (electronic voting machines) में नोटा का ऑप्शन जोड़ा गया था। सितंबर 2013 में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद इसकी शुरुआत हुई थी। नोटा का बटन ईवीएम के वोटिंग पैनल पर सबसे अंतिम में होता है।
रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी भाजपा
दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कर्नाटक चुनाव में भाजपा की हार पर कहा कि बीजेपी राज्य में रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी। राजीव चंद्रशेखर ने कहा, "चुनाव लोकतंत्र का उत्सव है। हम जनता के आदेश का सम्मान करते हैं। जनता ने हमें विपक्ष में बैठने का आदेश दिया है। भाजपा हमें समर्थन देने के लिए प्रत्येक मतदाता का धन्यवाद करती है।"
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राजीव चंद्रशेखर ने कहा, "मैं व्यक्तिगत रूप से भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता को धन्यवाद देना चाहता हूं। चुनाव के दौरान कार्यकर्ताओं ने बहुत मेहनत की है। हम रचनात्मक विपक्ष के रूप में अपने राज्य और अपने लोगों के लिए योगदान देंगे।"