सार
कर्नाटक राज्य में 224 सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए 113 सीटों की जरूरत पड़ती है। इस बार के इलेक्शन में कांग्रेस पार्टी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे को कलबुर्गी जिले की चितापुर विधानसभा सीट से टिकट दिया था।
बेंगलुरु. कर्नाटक राज्य में 224 सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए 113 सीटों की जरूरत पड़ती है। इस बार के इलेक्शन में कांग्रेस पार्टी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे को कलबुर्गी जिले की चितापुर विधानसभा सीट से टिकट दिया था। वे चुनाव जीत गए हैं। उनके खिलाफ भाजपा ने मणिकांत राठौड़, जबकि जेडीएस ने सुभाषचंद्र राठौर को टिकट दिया था। 2016 में प्रियांक खड़गे तत्कालीन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के मंत्रिमंडल के सबसे कम उम्र के मंत्री बनकर सुर्खियों में आए थे। जानते हैं प्रियांक खड़गे की राजनीति कहानी...
प्रियांक खड़गे ने भाजपा के मणिकांत राठौड़ को हराया। प्रियांक को 81 हजार से अधिक वोट मिले। यह वोट प्रतिशत 53.37 रहा। जबकि मणिकांत को 67 हजार से अधिक वोट मिले। यह वोट प्रतिशत 44.42 प्रतिशत था।
कौन हैं प्रियांक एम खड़गे?
कर्नाटक के कलबुर्गी जिले के चित्तपुर (सुरक्षित) विधासभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े प्रियांक एम खड़गे उस वक्त सुर्खियों में आ गए थे, जब उन्होंने पीएम मोदी पर अभद्र टिप्पणी की। कांग्रेस के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक एम खड़गे 2008 से ही सक्रिय राजनीति में हैं। वे इसी विधानसभा क्षेत्र से 2008-09 में उपचुनाव लड़ चुके हैं। इसके अलावा 2013, 2018 के विधानसभा चुनावों में भी वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे। भाजपा ने उनके खिलाफ मणिकांता राठौड़ को मैदान में उतारा था।
प्रियांक खड़गे की एजुकेशन और प्रॉपर्टी
प्रियांक खड़गे 10वीं पास हैं और उन पर कुल 9 क्रिमिनल केस दर्ज हैं। प्रियांक की कुल संपत्ति करीब 16 करोड़ रुपए की है और चुनाव आयोग को दिए हलफनामे के अनुसार उन पर करीब 28 लाख रुपए की देनदारी है। पूर्व की सिद्धारमैया सरकार में मंत्री रह चुके प्रियांक खड़गे इस बार चुनाव जीतने के प्रति आश्वस्त रहे।
यह भी जानिए
कर्नाटक विधानसभा 2023 के लिए 10 मई को 224 सीटों के लिए 2,615 उम्मीदवारों के लिए 5.13 करोड़ मतदाताओं ने वोटिंग की थी। चुनाव आयोग की रिपोर्ट में कहा गया कि कर्नाटक में 73.19% मतदान हुआ था। इसे 1957 के बाद राज्य के चुनावी इतिहास में सबसे अधिक बताया गया।
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