सार
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन(Kisan Andolan) के बीच एक युवक की बेरहमी से हत्या का मामला सामने आया है। युवक का एक हाथ काट दिया गया। फिर शव को मंच के सामने लटका दिया।
नई दिल्ली. दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर एक दिल दहलाने वाला क्राइम सामने आया है। यहां गुरुवार रात एक युवक की बेरहमी से हत्या कर दी गई। पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि युवक को 100 मीटर तक घसीटा गया। उसका एक हाथ काट दिया और फिर धरनास्थल पर मंच के सामने ही लाश को लटका दिया। इस मामले में निहंगों की भूमिका सामने आ रही है। मृतक की पहचान 35 साल के लखबीर सिंह के रूप में हुई है। मृतक मजदूर था और पंजाब के तरन तारन का रहने वाला था।
हत्या में निहंगों पर शक
कहा जा रहा है कि युवक ने गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की थी। युवक की हत्या के पीछे निहंगाें का हाथ माना जा रहा है। घटना शुक्रवार सुबह सामने आई। कहा जा रहा है कि युवक का शव शुक्रवार सुबह करीब 5.30 बजे संयुक्त किसान मोर्चा की मुख्य स्टेज के पास करीब 100 मीटर घसीट कर निहंगों के ठिकाने यानी फोर्ड एजेंसी के पास लाया गया। सुबह 6:00 बजे शव को लटका दिया गया। शव को लटकाने का मकसद था, ताकि लोग उसे देख सकें। मामले की सूचना मिलने पर प्रबंधक थाना रवि कुमार मौके पर पहुंचे।
पांचों उंगुलियों के साथ पूरी हथेली काट दी
पुलिस जब मौके पहुंची, तब वहां काफी भीड़ जुट गई थी। हत्यारों ने युवक की पांचों उंगुलियों के साथ पूरी हथेली किसी धारदार हथियार से काटकर अलग कर दी थी। गर्दन पर भी गहरे जख्म मिले। मामला संगीन होने के कारण पुलिस फिलहाल अधिक कुछ भी बोलने से बच रही है।
युवक पर किसान आंदोलन को बदनाम करने का आरोप
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि निहंगों का आरोप है कि युवक को किसान आंदोलन बदनाम करने के मकसद से सिंघु बॉर्डर पर भेजा गया था। उसे इसके एवज में 30 हजार रुपए दिए गए थे। युवक ने यहां पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब का अनादर किया था। जब निहंगों को इसका पता चला, तो युवक को पकड़ लिया गया। इसके बाद उसे घसीटते हुए पंडाल ट्रैक्टर एजेंसी के पास लाया गया। यहां युवक के साथ बेरहमी से पिटाई की गई।
पुलिस पर भी आक्रामक हुए निहंग
जब पुलिस मौके पर पहुंची और लाश को उतारने लगी, तो निहंगा आक्रोशित हो उठे। वे लाश को उतारने नहीं दे रहे थे। एक पत्रकार ने जब फोटो लेने की कोशिश की, तो उसे धमकी देकर फोन जेब में रखवा दिया।
कई महीनों से सिंघु बॉर्डर पर चल रहा प्रदर्शन
बता दें कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ कुछ किसान संगठन पिछले एक साल से आंदोलित हैं। करीब 40 किसान संगठनों का संयुक्त मोर्चा कई जगह धरना-प्रदर्शन कर रहा है। इस मामले में अभी तक सरकार से कोई समझौता नहीं हो सका है।
राकेश टिकैत बोले-धरना जारी रहेगा
इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों का धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। जब तक सरकार कृषि कानूनों को पूरी तरह से खत्म करने की घोषणा नहीं कर देती है, तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा। अपने ट्विटर पर उन्होंने लिखा कि संघर्ष से समाधान तक जारी रहेगा आंदोलन।