सार
कोलकाता के एक मेडिकल कॉलेज में रेजिडेंट डॉक्टर की रेप और हत्या के बाद से हो रहे विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर पुलिस ने निषेधाज्ञा लागू कर दी है। 7 दिनों से जुलूस प्रदर्शन पर रोक रहेगी।
नेशनल न्यूज। कोलकाता में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर की घटना के बाद लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इस बीच पुलिस ने निषेधज्ञा कानून लगा दिया है। पुलिस ने भारतीय नागरिक सुरक्षा अधनियम के तहत 18 अगस्त से अगले सात दिनों तक रैली, प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। यदि किसी ने इस दौरान कानून का उल्लंघन किया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 9 अगस्त को अस्पताल के सेमिनार हॉल में ट्रेनी डॉक्टर का शव मिलने के बाद से डॉक्टरों में आक्रोश फूट गया था। तब से डॉक्टर और कर्मचारी काम पर नहीं गए हैं।
सात दिन प्रदर्शन, बैठक-रैली सब बंद
कोलकाता पुलिस ने डॉक्टरों का आक्रोश देखते हुए शहर में निषेधाज्ञा लागू कर दिया है। पुलिस का कहना है कि सूत्रों से जानकारी मिली है कि किसी संगठन की ओर से हिंसक विरोध प्रदर्शन, रैली और बैठक के लिए कुछ संकेत मिले हैं। इस दौरान शांति भंग का अंदेशा भी लगाया जा रहा है। पुलिस ने सुरक्षात्मक कदम उठाते हुए रैली-प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। सभी राज्यों के लिए ये निर्देश जारी किए गए हैं।
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गुटबाजी करते दिखे तो होगी कार्रवाई
पुलिस के मुताबिक निषेधाज्ञा कानून लागू होने पर चार या इससे अधिक लोग एक साथ गुटबाजी करते, बैठक या खड़े होकर बातचीत करते दिखे तो भी उन्हें धारा 163 के अंतर्गत दोषी पाया जाएगा। इसके अलावा कोई व्यक्ति हथियार लाते या ले जाते पाया गया तो भी उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डॉक्टरों के प्रदर्शन की हर दो घंटे में रिपोर्ट
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से आदेश दिया गया है कि डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ या किसी संगठना या दल के विरोध प्रदर्शन को लेकर हर दो घंटे में ताजा अपडेट दी जाए। शनिवार शाम चार बजे से फैक्स/ईमेल/व्हाट्सएप के जरिये मंत्रालय के नई दिल्ली स्थित कंट्रोल रूम को भेजा जाए।
सुरक्षा के लिए कानून बनाने की मांग पर अड़े डॉक्टर
डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर के बाद अस्पतालों में भी तोड़फोड़ की घटना के बाद से चिकित्सक सुरक्षा के लिए केंद्र से कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि किसी भी राज्य में उनकी सुरक्षा को लेकर कोई व्यवस्था नहीं है। स्वास्थ्य कर्मियों के साथ आए दिन घटनाएं हो रही हैं। चिकित्सकों का कहना है जब तक मांगें नहीं मानी जाती वे काम पर नहीं लौटेंगे।