सार
जम्मू कश्मीर के उधमपुर में नरेंद्र मोदी ने कहा कि आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर खुलकर सांस ले रहा है। अगले 5 वर्षों में यह क्षेत्र विकास की नई ऊंचाइयों को छुएगा।
उधमपुर। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए प्रचार के क्रम में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर के उधमपुर में रैली की। उन्होंने कहा, "आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर खुलकर सांस ले रहा है। उधमपुर में आशीर्वाद देने आए मेरे परिवारजनों को मोदी की गारंटी है कि अगले 5 वर्षों में यह क्षेत्र विकास की नई ऊंचाइयों को छुएगा।"
उन्होंने कहा, "मैं उधमपुर पिछले कई दशकों से आ रहा हूं। जम्मू-कश्मीर की धरती पर मेरा आना जाना पिछले 5 दशक से चल रहा है। मुझे याद है 1992 में एकता यात्रा के दौरान यहां आपने भव्य स्वागत और सम्मान किया था। आप भी जानते हैं कि तब हमारा मिशन लाल चौक पर तिरंगा फहराने का था, तब यहां माताओं-बहनों ने बहुत आशीर्वाद दिया था।"
पीएम मोदी ने कहा, "2014 में माता वैष्णो देवी के दर्शन करके आया था और इसी मैदान पर मैंने आपको गारंटी दी थी कि जम्मू कश्मीर की अनेक पीढ़ियों ने जो कुछ सहा है, उससे मुक्ति दिलाऊंगा। आज आपके आशीर्वाद से मोदी ने वो गारंटी पूरी कर दी है। दशकों बाद ये पहला चुनाव है, जब आतंकवाद, अलगाववाद, पत्थरबाजी, बंद, हड़ताल, सीमा पार से गोलीबारी, ये चुनाव के मुद्दे ही नहीं हैं। तब माता वैष्णो देवी यात्रा हों या अमरनाथ यात्रा, ये सुरक्षित तरीके से कैसे हों इसको लेकर ही चिंता होती थी। आज स्थिति एकदम बदल गई है। आज जम्मू कश्मीर में विकास भी हो रहा है और विश्वास भी बढ़ रहा है। ये चुनाव सिर्फ सांसद चुनने का नहीं है, बल्कि ये चुनाव देश में एक मजबूत सरकार बनाने का चुनाव है।"
जम्मू-कश्मीर को जल्द मिलेगा राज्य का दर्जा
पीएम ने कहा, "जम्मू-कश्मीर का मन बदला है। चारों तरफ विकास हो रहा है। अब तक जो हुआ है वो तो ट्रेलर है। मुझे तो नए जम्मू-कश्मीर की नई और शानदार तस्वीर बनाने के लिए जुट जाना है। वो समय दूर नहीं जब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के चुनाव होंगे। जम्मू-कश्मीर को वापस राज्य का दर्जा मिलेगा। आप अपने विधायक अपने मंत्रियों से अपने सपने साझा कर सकेंगे। यहां जो सड़कों और रेल का काम चल रहा है वो तेजी से पूरा होगा। बड़ी-बड़ी कंपनियों और तेजी से आएंगे।"
मोदी ने कांग्रेस से पूछा- क्यों ठुकराया राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण
मोदी ने कहा, "ये परिवारवादी पार्टियां विकास और विरासत की विरोधी हैं। आपने देखा होगा कि कांग्रेस राम मंदिर से कितना नफरत करती है। कांग्रेस चिल्लाती है कि बीजेपी के लिए राम मंदिर चुनावी मुद्दा है। राम मंदिर कभी चुनाव का मुद्दा नहीं रहा। राम मंदिर के लिए संघर्ष तब से हो रहा था जब भाजपा का जन्म भी नहीं हुआ था। यह संघर्ष 500 साल पुराना है। जब विदेशी आक्रांताओं ने मंदिर तोड़े तो भारत के लोगों ने अपने धर्म स्थल बचाने के लिए लड़ाई लड़ी थी। कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के नेता बड़े-बड़े बंगलों में रहते थे, लेकिन जब राम लला के टेंट की छत बदलने की बात आती थी तो मुंह फेर लेते थे। कोर्ट की धमकी देते थे। बारिश में टेंट की छत टपकती थी।"
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उन्होंने कहा, “मैंने कहा था एक दिन आएगा जब राम लला भव्य मंदिर में बिराजेंगे। तीन बातें कभी भूल नहीं सकते। 1- 500 साल के संघर्ष के बाद हुआ है। 2- अदालत के फैसले से ये काम हुआ है। 3- भव्य राम मंदिर सरकारी खजाने से नहीं, देश के लोगों ने दान देकर बनाया है। जब उस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई तो पिछले 70 में कांग्रेस और इंडी गठबंधन के नेताओं ने जो भी पाप किए थे, सबको माफ कर राम मंदिर के ट्रस्टी कांग्रेस और इंडी गठबंधन वालों के घर गए। उन्होंने कहा राम आपके भी हैं। सम्मान के साथ बुलाया, लेकिन इन निमंत्रण को भी ठुकरा दिया। वो कौन सा चुनावी कारनामा था, जिसके चलते आपने निमंत्रण ठुकरा दिया। ये चुनावी मंशा थी कि आपने प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण ठुकरा दिया। आपके लिए चुनाव का खेल है। ये किस तरह की तुष्टिकरण की राजनीति थी। भगवान राम को काल्पनिक कहकर किस वोट बैंक को खुश करना चाहती थी।”