सार
राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर(Rajeev Chandrasekhar) उत्तर प्रदेश के वाराणसी, गोण्डा, मुरादाबाद और सहारनपुर में आधार सेवा केंद्र का उद्घाटन करेंगे। 20.97 करोड़ आधार नामांकन के साथ उत्तर प्रदेश इस डिजिटल परिवर्तन का नेतृत्व कर रहा है।
नई दिल्ली. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी, कौशल विकास तथा उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) 21 दिसम्बर को विडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उत्तर प्रदेश के वाराणसी, गोण्डा, मुरादाबाद और सहारनपुर जिले के नवनिर्मित आधार सेवा केंद्र (एएसके) का उद्घाटन करेंगे। यह आधार सेवा केंद्र इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा स्थापित किए जा रहे है। यूपी में आगरा, लखनऊ, प्रयागराज, गाजियाबाद और मेरठ में आधार सेवा केंद्र अपनी सेवायें प्रदान कर रहे हैं | अब वाराणसी, गोंडा, मुरादाबाद और सहारनपुर में आधार सेवा केंद्र अपनी सेवाएं देना शुरू करेंगे और यूपी में आधार सेवा केंद्र कि संख्या को बढाकर 9 कर देंगे।
ये सुविधाएं मिलती हैं
आधार सेवा केंद्र के माध्यम से सरकार का लक्ष्य नागरिकों को वन स्टॉप सेंटर पर आधार से सम्बंधित सभी सेवाएं प्रदान करना है, जिससे जीवन में आसानी और व्यवसाय करने में सुगमता सुनिश्चित हो सके। मोदी सरकार ने सार्वजनिक सेवा वितरण और नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए जेएएम ट्रिनिटी (जन धन, आधार, मोबाइल) का कुशलतापूर्वक उपयोग किया है। पीएम-किसान, पीएम आवास योजना, पीएम जन आरोग्य योजना, पहल, मनरेगा, राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा सहायता कार्यक्रम, पीडीएस जैसे आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से विभिन्न सामाजिक कल्याण से सम्बंधित योजनाओं के लाभों के लीक-प्रूफ वितरण के लिए अब तक लगभग 313 केंद्र सरकार की योजनाओं को अधिसूचित किया गया है।
आधार का उपयोग करने के लिए 250 से अधिक राज्य कल्याण योजनाओं को भी अधिसूचित किया गया है। प्रमाणित करने में विफलता के मामले में लाभ से इनकार नहीं करने को सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट प्रावधान हैं। आधार और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण-डीबीटी के उपयोग के कारण सरकारी खजाने को हुई बचत, मुख्य रूप से नकली और फर्ज़ी लाभार्थियों की छंटनी के कारण, अनुमानित रूप से 1.78 लाख करोड़ रुपये (मार्च 2020 तक; डीबीटी मिशन, कैबिनेट सचिवालय के अनुसार) होने का अनुमान लगाया गया है।
दूर दराज के लोगों को मदद मिली
जेएएम ट्रिनिटी एक महत्वपूर्ण बदलाव वाली साबित हुई है और कोरोनावायरस महामारी के दौरान देश के दूर-दराज़ के इलाकों में रहने वाले नागरिकों तक पहुंचने में मदद की है। शासन में आधार का लाभ उठाने की भारत की सफलता की कहानी से सीखते हुए बहुत से देशों ने आधार अनुभव को समझने में सक्रिय रुचि दिखाई है और इसके लिए यूआईडीएआई से संपर्क किया है।
भीड़भाड़ से बचने टोकन सिस्टम
भीड़ से बचने आधार सेवा केंद्रों में टोकन सिस्टम लागू किया गया है। एएसके के लिए एक ऑनलाइन अपॉइंटमेंट सिस्टम उपलब्ध है, जो नागरिकों के लिए समय बचाने में मदद करता है और केंद्र में भीड़ को कम करता है। प्रवेश द्वार पर एक टोकन काउंटर है जो पहले आओ पहले पाओ के आधार पर वॉक-इन निवासियों को टोकन प्रदान करता है। एएसके सप्ताह के सभी सात दिनों में सवेरे 9 बजे से शाम 5:30 बजे तक खुले रहते हैं और केवल सार्वजनिक अवकाश के दिन बंद रहते हैं। आधार नामांकन मुफ्त है। कुछ सेवाओं के लिए मामूली शुल्क लगता है।
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