सार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी के लिए दुनिया की आर्थिक रेस को जिम्मेदार बताया है। मोदी ने कहा कि आर्थिक विकास की रेस में हम इतने भागे जा रहे हैं कि मानवता पीछे छूट गई। कोरोना जैसी महामारी के हालात बन गए। मोदी मंगलवार को रायसीना डायलॉग के 6th संस्करण का उद्घाटन कर रहे थे। यह संवाद 13 से 16 अप्रैल तक चलेगा।
नई दिल्ली. आर्थिक विकास की रेस ने दुनिया में मानवता को पीछे छोड़ दिया है। कोरोना जैसी महामारी इसी का परिणाम है। प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया से आह्वान किया कि सबको ऐसी व्यवस्था बनाने पर ध्यान देना चाहिए, जिससे आगे की चुनौतियों से निपटा जा सके। मोदी मंगलवार को रायसीना डायलॉग के 6th संस्करण का उद्घाटन कर रहे थे। यह संवाद 13 से 16 अप्रैल तक चलेगा। बता दें कि हर साल होने वाले इस संवाद में भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र पर विभिन्न देश सलाह-मश्वरा करते हैं। लेकिन इस बार कोरोना महामारी भी विशेषतौर पर चर्चा हुई।
मोदी ने कहा
मोदी ने कोरोना महामारी को हराने के लिए मानवजाति को एक साथ आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा ऐसी महामारी एक शताब्दी पहले आई थी। भारत ने अपने 130 करोड़ लोगों को कोरोना से बचाने के साथ ही इस महामारी से लड़ रहे दूसरे देशों की भी मदद की।
विदेश मंत्री ने कहा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग के चलते ही भारत दुनिया को वैक्सीन सप्लाई कर सका। जयशंकर ने बताया कि महाराष्ट्र्, ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पंजाब जैसे राज्य वैक्सीन की कमी से जूझ रहे हैं। वैक्सीनेशन के लिए उम्र की सीमा हटाने की मांग भी उठ रही है।
यह भी जानें
- विभिन्न देशों के भू-राजनीति(Geo-politics) और भू अर्थशास्त्र (geo-economics) के मुद्दे पर हर साल आयोजित होने वाला रायसीना डायलॉग का 6th संस्करण मंगलवार से शुरू हुआ। यह संयुक्त रूप से विदेश मंत्रालय और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया जाता है। 2021 संस्करण में 50 सत्र होंगे। इसमें 50 देशों और बहुपक्षीय संगठनों के 150 वक्ता शामिल होंगे। वहीं 80 से अधिक देशों से 2000 से अधिक लोगों ने इसके लिए पंजीयन कराया है। भारत मंत्रालय का मानना है कि पिछले छह वर्षों में रायसीना संवाद का कद और प्रोफाइल बड़ गया है। यह अंतरराष्ट्रीय मामलों पर एक प्रमुख वैश्विक सम्मेलन के रूप में सामने आया है।
- डायलॉग में ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मरीसे पायने और फ्रांस के विदेश मंत्री जीन वेस ली ड्रायन मुख्य अतिथि हैं। जबकि पुर्तगाल, स्लोवेनिया, रोमानिया, सिंगापुर, नाइजीरिया, जापान, इटली, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया, केन्या, चिली, मालदीव, ईरान, कतर और भूटान के विदेश मंत्री भी भाग ले रहे हैं।