सार
नेशनल हेराल्ड केस (National Herald Case) में राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। उन्हें दूसरे दिन भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था। इससे पहले 13 जून को राहुल गांधी पूछताछ के दौरान प्रवर्तन निदेशालय(ED) के अधिकारी उनके जवाब से संतुष्ट नहीं दिखे। पहले दिन उनसे करीब 10 घंटे पूछताछ हुई। इसमें देश-विदेश में बैंक बैलेंस और प्रॉपर्टी के संबंध में भी पूछताछ हुई।
नई दिल्ली. नेशनल हेराल्ड केस (National Herald Case) में दूसरे दिन(14 जून) फिर राहुल गांधी से फिर पूछताछ की गई। इससे पहले 13 जून को राहुल गांधी पूछताछ के दौरान प्रवर्तन निदेशालय(ED) के अधिकारी उनके जवाब से संतुष्ट नहीं दिखे। पहले दिन उनसे करीब 10 घंटे पूछताछ हुई। इसमें देश-विदेश में बैंक बैलेंस और प्रॉपर्टी के संबंध में भी पूछताछ हुई। पहली बार पूछताछ के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी के सामने पेश हुए गांधी सोमवार को सुबह 11.10 बजे बहन प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कई नेताओं के साथ ईडी कार्यालय पहुंचे थे। वे सशस्त्र CRPF कर्मियों के साथ थे। उन्हें दोपहर में 80 मिनट का ब्रेक दिया गया था। वह रात करीब 11.10 बजे पूछताछ के बाद ईडी कार्यालय से निकले।(तस्वीर-कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और पार्टी के अन्य सीनियर लीडर्स ईडी की पूछताछ के पहले एक मीटिंग ली थी)
14 जून का घटनाक्रम
- ED के सवालों का जवाब देने दूसरे दिन जब राहुल गांधी कार से जांच एजेंसी के ऑफिस पहुंचे, तब उनके साथ प्रियंका गांधी भी थीं। राहुल को ED ऑफिस छोड़ने के बाद प्रियंका वहां से निकल गईं। इस बीच पैदल मार्च करके जा रहे कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला को पुलिस ने घसीटकर वैन में बैठा लिया। अन्य नेताओं को भी हिरासत में लिया है। आरोप है कि सुरजेवाला और चिदंबरम को प्रदर्शन के दौरान चोटें लगीं।
- इससे पहले कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा राहुल गांधी से मिलने उनके आवास पर पहुंची।
- अकबर रोड के पास के इलाके में सीआरपीसी की धारा 144 लागू है। इसके मद्देनज़र इलाके में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।
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नेशनल हेराल्ड मामले में आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ED के सामने पेश होने से पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के समर्थन में पार्टी मुख्यालय के पास प्रदर्शन किया। दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया।
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पूर्व मंत्री पी चिदंबरम ने कहा-हम कानून के गलत इस्तेमाल का विरोध कर रहे है। अगर ED कानून का पालन करता है, तो हमें कोई समस्या नहीं है, लेकिन ED कानून का पालन नहीं कर रही है। हम पूछ रहे हैं कि निर्धारित अपराध क्या है? इसका कोई जवाब नहीं है। किस पुलिस एजेंसी ने FIR दर्ज की है? कोई जवाब नहीं, FIR की कॉपी नहीं।
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कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला-देश में सबसे ज़्यादा बेरोजगारी है और मोदी जी ने हर साल 2 करोड़ रोज़गार देने का वादा किया था। यानि 8 साल में 16 करोड़ रोज़गार देने थे, लेकिन अब मोदी जी कह रहे हैं कि 2024 तक केवल 10 लाख नौकरियां देंगे। तो 16 करोड़ नौकरियों का क्या हुआ? आखिर मोदी सरकार या बीजेपी के निशाने पर राहुल गांधी जी और कांग्रेस क्यों है?, ईडी की कार्रवाई क्या जनता के मुद्दे उठाने वाली मुखर आवाज़ को दबाने का षड्यंत्र हैं? केवल राहुल गांधी जी पर इतने हमलावर क्यों हैं? इन सवालों का जवाब देश को जानना जरूरी है। मोदी सरकार व BJP राहुल जी व कांग्रेस से इसलिए डर गई है, क्योंकि जब चीन ने हमारे जमीन पर कब्ज़ा किया और हमारे जवान शहीद हुए तब PM ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि हमारे यहां न कोई घुसा और न कोई आया है,तब राहुल जी ने इस झूठ को घेरा और देश के लिए आवाज़ उठाई।कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा-भाजपा पार्टी
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कांग्रेस के खिलाफ ऐसा बर्ताव कर रही है कि लग रहा है हम आतंकवादी हैं। भाजपा की तानाशाही चरम सीमा पर पहुंच चुकी है।
ईडी कार्यालय जाने से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पार्टी नेताओं भूपेश सिंह बघेल, अशोक गहलोत और केसी वेणुगोपाल के साथ एआईसीसी मुख्यालय में।
यह रहा पहले दिन का पूरा घटनाक्रम...
राहुल गांधी से पूछताछ के विरोध में दिल्ली और राज्य की राजधानियों में सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे। इस दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला, केसी वेणुगोपाल सहित कई सीनियर लीडर्स को प्रदर्शन के बीच हिरासत में लिया गया। कांग्रेस ने ईडी के सम्मन के खिलाफ सत्याग्रह मार्च निकाला था। हालांकि राहुल गांधी के ईडी कार्यालय से निकलने के तुरंत बाद इन नेताओं को रात करीब 11.30 बजे पुलिस हिरासत से रिहा कर दिया गया।
पार्टी प्रवक्ता और सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि पूर्व गृह मंत्री, पी.चिदंबरम के साथ पुलिस की धक्कामुक्की हुई। उनका चश्मा जमीन पर फेंका, उनकी बायीं पसलियों में हेयरलाइन फ्रैक्चर है। सांसद प्रमोद तिवारी को भी सड़क पर फेंका गया। इससे सिर में चोट और पसली में फ्रैक्चर है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह प्रजातंत्र है? हालांकि दिल्ली पुलिस ने कहा कि पुलिस द्वारा बल प्रयोग के कारण घायल होने की कोई घटना उसकी जानकारी में नहीं आई है। ऐसी किसी भी शिकायत की जांच करेगी। पुलिस ने 26 सांसदों और पांच विधायकों सहित 459 लोगों को हिरासत में लिया था।
इधर, भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए उसके नेताओं पर ईडी पर दबाव बनाने, भ्रष्टाचार का समर्थन करने और गांधी परिवार की 2,000 करोड़ रुपये की कथित प्रापर्टी का बचाव करने आरोप लगाया। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने दावा किया कि इससे पहले किसी राजनीतिक परिवार द्वारा अपने गलत लाभ की रक्षा के लिए जांच एजेंसी का ऐसा विरोध नहीं किया गया।
ईडी के सामने राहुल गांधी की पेशी से पहले उनके बहनोई रॉबर्ट वाड्रा उनके समर्थन में सामने आए और विश्वास व्यक्त किया कि उन्हें सभी निराधार आरोपों से बरी कर दिया जाएगा। वाड्रा ने कहा-"मेरा मानना है कि सच्चाई की जीत होगी और मौजूदा सरकार की इस प्रताड़ना का वह असर नहीं होगा, जो वे चाहते हैं।"
इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने सुबह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस मामले में सभी फंड ट्रांसफर लीगल हैं। जांच के तहत एजेंसी ने अप्रैल में वरिष्ठ नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल से पूछताछ की थी।
यह है पूरा मामला
ईडी ने हाल ही में प्रिवेंशन आफ मनी लान्ड्रिंग एक्ट-2002(PMLA) के तहत एक नया मामला दर्ज किया था। एक लोअल कोर्ट ने 2013 में बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लिया था।
1938 में कांग्रेस पार्टी ने एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (AJL) बनाई थी। इसी के तहत नेशनल हेराल्ड अखबार पब्लिश किया जाता था। 26 फरवरी 2011 को AJL पर 90 करोड़ से ज्यादा का कर्ज था। इसे उतारने के लिए एक और कंपनी बनाई गई। इसका नाम था यंग इंडिया लिमिटेड। इसमें राहुल और सोनिया की हिस्सेदारी 38-38% थी। यंग इंडिया को AJL के 9 करोड़ शेयर दिए थे। इसमें उल्लेखन किया गया था कि इसके एवज में यंग इंडिया AJL की देनदारियां चुकाएगा। हालांकि शेयर की हिस्सेदारी ज्यादा होने की वजह से यंग इंडिया को मालिकाना हक मिल गया। AJL की देनदारियां चुकाने के लिए कांग्रेस ने 90 करोड़ का लोन दिया, लेकिन बाद में उसे माफ कर दिया। स्वामी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य पर यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के साथ धोखाधड़ी और धन का दुरुपयोग करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले साल फरवरी में गांधी परिवार को स्वामी की याचिका पर नोटिस जारी किया था, जिसमें लोअर कोर्ट में सबूत पेश करने को कहा गया था। स्वामी द्वारा दायर मामले में अन्य आरोपी गांधी के करीबी सुमन दुबे और टेक्नोक्रेट सैम पित्रोदा भी हैं।
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