सार

बच्चों को देने वाले बेबी सेरेलेक पाउडर को लेकर जारी सर्वे रिपोर्ट में पाया गया है कि नेस्ले कंपनी भारत में सप्लाई होने वाले हर पैक में तीन ग्राम अतिरिक्त चीनी मिलाती है। मानक से अतिरिक्त चीनी मिलाना नियमों के उल्लंघन के दायरे में आता है।

नेशनल। हम अपने बच्चों के स्वास्थ को लेकर कितना सतर्क रहते हैं। उन्हें पौष्टिक चीजें खिलाते हैं ताकि वे तंदरुस्त रहें। अधिक प्रोटीन और विटामिन के लिए उनके लिए मार्केट में मिलने वाले कई सारे बेबी प्रोडक्ट्स भी लाते हैं। ऐसे में ये प्रोडक्ट्स कितने भरोसेमंद है इसे लेकर पब्लिक आई की ओर से सर्वे में नेस्ले कंपनी के भारत में बिकने वाले सेरेलैक पैक में 3 ग्राम अतिरिक्त चीनी मिलाए जाने की बात सामने आई है जो कि नियमों के विपरीत है।  

रिपोर्टो के मुताबिक नेस्ले कंपनी की ओर से नियमों में उल्लंघन केवल एशियाई, अफ्रीकी और लैटिन अमेरिकी देशों में बिकने वाले नेस्ले के बेबी प्रोडक्ट्स में पाए गए हैं। कुल 15 सेरेलैक बेबी प्रॉडक्ट्स को लेकर सर्वे किया गया था। सर्वे में भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाले बेबी फूड ब्रांडों में जरूरत से ज्यादा चीनी मिली होने की बात सामने आई है। 

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मोटापा और अन्य बीमारियां बढ़ती हैं
सर्वे की रिपोर्ट में पाया गया कि भारत के ही बेबी प्रोडक्ट में नेस्ले अतिरिक्त चीनी मिला रहा है। जबकि यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, स्विट्जरलैंड और अन्य विकसित देशों में ये प्रोडक्ट शुगर फ्री हैं। नेस्ले के सेरेलैक प्रोडक्ट, बेबी मिल्क शिशु दूध और अनाज में चीनी और शहद 3 ग्राम अतिरिक्त मिलाया जा रहा है। विशेषज्ञों की माने तो मोटापा और पुरानी बीमारियों को रोकने के उद्देश्य से यह इंटरनेशनल नियमों की अनदेखी के तहत आता है।

2022 में बेचे 20 हजार करोड़ के सेरेलेक प्रोडक्ट
इस बारे में नेस्ले इंडिया के प्रवक्ता का कहना है कि वे सभी स्थानीय नियमों और इंटरनेशनल स्टैंडर्ड को फॉलो करते हैं। पिछले पांच साल में वह अपने बेबी प्रोडक्ट्स रेंज में एडिशनल शुगर की रेंज को 30% तक कम कर चुके हैं। नेस्ले ने वर्ष 2022 में भारत में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के सेरेलैक प्रोडक्ट बेचे हैं।