सार
उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी के चलते कोरोना मरीजों के जीवन पर संकट बना हुआ है। हालांकि केंद्र सरकार के एक्शन में आते ही ऑक्सीजन की सप्लाई तेजी से बढ़ी है। इसी सिलसिले में बोकारो के स्टील प्लांट से ऑक्सीजन के टैंकर लेकर आक्सीजन एक्सप्रेस शुक्रवार दोपहर करीब 2 बजे रवाना हुई। यह शनिवार सुबह 7 बजे तक लखनऊ पहुंच जाएगी।
लखनऊ, यूपी. उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी के चलते कोरोना मरीजों के जीवन पर संकट बना हुआ है। हालांकि केंद्र सरकार के एक्शन में आते ही ऑक्सीजन की सप्लाई तेजी से बढ़ी है। इसी सिलसिले में बोकारो के स्टील प्लांट से ऑक्सीजन के टैंकर लेकर आक्सीजन एक्सप्रेस शुक्रवार दोपहर करीब 2 बजे रवाना हुई। यह शनिवार सुबह 7 बजे तक लखनऊ पहुंच जाएगी। आक्सीजन एक्सप्रेस को बिना किसी बाधा के लखनऊ तक पहुंचाने के लिए दक्षिण पूर्व रेलवे(South Eastern Railway) ने ग्रीन कॉरिडोर बनाया है। रेलवे की ओर से जारी एक बयान के अनुसार यह विशेष ट्रेन गुरुवार रात करीब 2 बजे बोकारो स्टील प्लांट पहुंची थी। यहां से टैंकर में ऑक्सीजन भरने के बाद उन्हें रखकर शुक्रवार दोपहर लखनऊ के लिए रवाना हो गई।
यह भी जानें...
- यह ट्रेन रात 12 बजे दीनदयाल उपाध्याय नगर (मुगलसराय) से होकर वाराणसी और सुल्तानपुर के रास्ते शनिवार सुबह 7 बजे तक लखनऊ पहुंच जाएगी। लखनऊ को तीन टैंकर मिलेंगे। हर टैंकर में 20 हजार लीटर लिक्विड ऑक्सीजन है।
- रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश में ऑक्सीजन की सप्लाई सुचारू करने के लिए रेलवे लगातार काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिश है कि किसी भी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी नहीं होने पाए।
- जब आक्सीजन एक्सप्रेस टैंकर भरवाने स्टी प्लांट पहुंची, तब रेलवे के कई सीनियर अधिकारी मुस्तैद नजर आए। बोकारो के रेलवे अधिकारियों ने बताया कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस की ऊंचाई 4.5 मीटर है। इसलिए उसे ओएचई(बिजली लाइन) से बचाते हुए 60 किलोमीटर प्रतिं घंटे की गति से लखनऊ पहुंचाना एक चुनौती था। आक्सीजन एक्सप्रेस में हर 300 किलोमीटर पर लोको पायलटों को बदला जाएगा। इस ट्रेन के साथ जीआरपी उपनिरीक्षक और दो कांस्टेबल का एस्कॉर्ट भेजा गया है।
जर्मनी से पोर्टेबल ऑक्सीजन प्लांट मंगवाएगी आर्मी
,सेना की मेडिकल विंग यानी आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल सर्विसेस (AFMS) जर्मनी से पोर्टेबल ऑक्सीजन प्लांट मंगवाने जा रही है। बताया जा रहा है कि अगले हफ्ते में 23 मोबाइल ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट प्लेन से भारत लाए जाएंगे। इन्हें सेना के अस्पतालों में लगाया जाएगा। बता दें कि एक पोर्टेबल ऑक्सीजन प्लांट से प्रति मिनट 40 लीटर और एक घंटे में 2,400 लीटर ऑक्सीजन प्रोडक्शन हो सकेगा। यह 24 घंटे में 20-25 मरीजों के लिए पर्याप्त है।
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