सार

यूक्रेन में अभी भी लगभग 16,000 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। सोशल मीडिया पर अंडरग्राउड मेट्रो स्टेशनों और बेसमेंट से तस्वीरें और वीडियो साझा किए हैं, जहां वे रूसी बम और मिसाइलों से बचने के लिए पनाह लिए हुए हैं।

नई दिल्ली। यूक्रेन (Ukraine) में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स की सुरक्षित वापसी (Indian Students evacuation) समेत अन्य स्थितियों पर चर्चा करने के लिए रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने हाई लेवल मीटिंग (HLM) की है। यूपी विधानसभा में चुनाव प्रचार के बाद लौटे पीएम मोदी की हाई लेवल मीटिंग में विदेश सचिव ने प्रेजेंटेशन दिया। यूक्रेन में करीब 16 हजार भारतीय फंसे हुए हैं, इनमें अधिकतर स्टूडेंट्स हैं।

दो घंटे से अधिक समय तक चली मीटिंग

पीएम की बैठक 2 घंटे से अधिक समय तक चली। पीएम ने कहा कि हमारे छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें निकालना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। निकासी में तेजी लाने के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों के साथ सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की गई।

 

पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से की थी बात

रूस के यूक्रेन पर हमले के तत्काल बाद पीएम मोदी ने गुरुवार की शाम को कैबिनेट सिक्योरिटी कमेटी की मीटिंग की थी। इस मीटिंग में यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी पर चर्चा की गई थी। पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी बात की थी। पीएमओ ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन से बातचीत के दौरान हिंसा को तत्काल समाप्त करने का आह्वान किया था। साथ ही उन्होंने भारतीय स्टूडेंट्स की सुरक्षित वापसी पर बात की। 
बातचीत के एक रूसी रीडआउट में कहा गया है कि पीएम मोदी ने स्पष्टीकरण के लिए राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद दिया और वर्तमान में यूक्रेन में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायता के लिए कहा। राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे।

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यूक्रेन के पड़ोसी सीमाओं से दूसरे देशों के रास्ते आ रहे  

यूक्रेन के ऊपर हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण भारतीयों की देश वापसी काफी धीमी गति से हो रही है। छात्रों को हंगरी, पोलैंड, स्लोवाक गणराज्य और रोमानिया से उड़ानों से निकाला जा रहा है। छात्र मीलों तक ठिठुरते हुए कड़ाके की ठंड में पैदल चलकर किसी तरह बार्डर तक पहुंच रहे हैं। यहां से उनको सुरक्षित निकाला जा रहा है। 

बंकरों में छिपे हुए हैं भारतीय छात्र

पूर्व सोवियत गणराज्य की नाटो से निकटता पर महीनों के तनाव के बाद रूस ने गुरुवार सुबह यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किया था। यूक्रेन में अभी भी लगभग 16,000 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। सोशल मीडिया पर अंडरग्राउड मेट्रो स्टेशनों और बेसमेंट से तस्वीरें और वीडियो साझा किए हैं, जहां वे रूसी बम और मिसाइलों से बचने के लिए पनाह लिए हुए हैं।

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