सार
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह को आज बतौर मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे। उनका यह संबोधन ऑनलाइन होगा। साथ ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन भी समारोह में शामिल होंगे।
नई दिल्ली. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह को आज बतौर मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे। उनका यह संबोधन ऑनलाइन होगा। साथ ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन भी समारोह में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री मोदी का यह कार्यक्रम वर्चुअल ही सही, लेकिन एएमयू की पूरी रवायतों के साथ होगा। इसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
यह पहली बार है जब पांच दशक से भी ज्यादा वक्त में कोई प्रधानमंत्री एएमयू के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। इससे पहले 1964 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने AMU के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया था। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए AMU के शताब्दी समारोह को संबोधित करेंगे। इस महीने की शुरुआत में विश्वविद्यालय ने घोषणा की थी कि शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि हो सकते हैं। विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार, मुख्य अतिथि में बदलाव अंतिम समय में किया गया।
विश्वविद्यालय ने जताया PM मोदी का आभार
कुलपति, प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि एएमयू समुदाय विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री का आभारी है। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक वर्ष के दौरान विश्वविद्यालय का और अधिक विकास होगा, जिससे छात्रों को निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों में नियुक्ति में मदद मिलेगी। प्रोफेसर मंसूर ने विश्वविद्यालय के समुदाय, कर्मचारियों, सदस्यों, छात्रों और पूर्व छात्रों से आगामी कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी की अपील की। उन्होंने कहा कि शताब्दी समारोह में अभी लोग राजनीति से ऊपर उठकर शामिल हो।
1877 में पड़ी थी विश्वविद्यालय की नींव
सर सैयद अहमद खान ने 1877 में मोहम्मडन एंग्लो ऑरिएंटल (एमएओ) स्कूल की स्थापना की थी। 1920 में उसी स्कूल ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का रूप लिया। इसका कैंपस उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में 467.6 हेक्टेयर में फैला हुआ है। कैंपस के बाहर केरल के मल्लपुरम, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद-जांगीपुर और बिहार के किशनगंज में भी इसके केंद्र हैं।