सार

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग (video conferencing) के जरिए विभिन्न जिलों के डीएम (DMs of various districts) से बातचीत की। वे सरकारी योजनाओं का फीडबैक ले रहे थे। मोदी ने योजनाओं में आ रही दिक्कतों को जाना और उन्हें बेहतर बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर भी चर्चा की।

नई दिल्ली. देश में चल रहीं सरकारियों योजनाओं की मॉनिटरिंग करते हुए प्रधानमंत्री ने आज कई जिलों के कलेक्टरों से सीधा संवाद किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) वीडियो कांफ्रेंसिंग (video conferencing) के जरिए विभिन्न जिलों के डीएम (DMs of various districts) से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान पीएम मोदी ने जिलों में सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की प्रगति और वर्तमान स्थिति के बारे में सीधा फीडबैक लिया। यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने दी।  बता दें कि मोदी समय-समय पर सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन, उनमें आ रहीं अड़चनों और बेहतरी की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर देशभर के कलेक्टरों से सीधा संवाद करते आ रहे हैं। देश के इतिहास में ऐसा कम ही देखने को मिला, जब कोई प्रधानमंत्री लगातार सरकारी योजनाओं की समीक्षा करते हुए सीधे कलेक्टरों से रूबरू हो रहा हो। 

आकांक्षी जिलों में इतिहास बनते देखा है
मोदी ने कहा-आज आकांक्षी ज़िले देश के आगे बढ़ने के अवरोध को समाप्त कर रहे हैं। आप सबके प्रयासों से आकांक्षी जिले आज गतिरोधक के बजाय गतिवर्धक बन रहे हैं। जो ज़िले पहले कभी तेज प्रगति करने वाले माने जाते थे,आज कई पैमानों में ये आकांक्षी ज़िले भी अच्छा काम करके दिखा रहे हैं। जब दूसरों के सपनों को पूरा करना अपनी सफलता का पैमाना बन जाए, तो फिर वो कर्तव्य पथ इतिहास रचता है। आज हम देश के आकांक्षी जिलों में यही इतिहास बनते हुए देख रहे हैं। पिछले 4 सालों में देश के लगभग हर आकांक्षी जिले में जन-धन खातों में 4 से 5 गुना की वृद्धि हुई है। लगभग हर परिवार को शौचालय मिला है, हर गांव तक बिजली पहुंची है और बिजली सिर्फ गरीब के घर में नहीं पहुंची है बल्कि लोगों के जीवन में ऊर्जा का संचार हुआ है। आकांक्षी जिलों में जो लोग रहते हैं, उनमें आगे बढ़ने की तड़प होती है। इन लोगों ने अपने जीवन का अधिकतर समय अभावों में, मुश्किलों में गुजारा है। हर छोटी-छोटी चीजों के लिए उन्होंने परिश्रम किया है इसलिए वो लोग साहस दिखाने के लिए और रिस्क उठाने के लिए तैयार होते हैं।

डिजिटल इंडिया के रूप में मौन क्रांति
डिजिटल इंडिया के रूप में देश एक मौन क्रांति का साक्षी बन रहा है। हमारा कोई भी ज़िला इसमें पीछे नहीं छूटना चाहिए। डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर हमारे हर गांव तक पहुंचे, सेवाओं और सुविधाओं की डोर स्टेप डिलिवरी का जरिया बने, ये बहुत जरूरी है।

142 जिले पीछे
सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों ने, अलग-अलग विभागों ने ऐसे 142 जिलों की एक लिस्ट तैयार की है। जिन एक-दो पैरामीटर्स पर ये अलग-अलग 142 जिले पीछे हैं, अब वहां पर भी हमें उसी कलेक्टिव अप्रोच के साथ काम करना है, जैसे हम आकांक्षी जिलों में करते हैं। प्रधानमंत्री ने 'ऊपर से नीचे' के साथ-साथ 'नीचे से ऊपर' शासन प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन और जनता के बीच प्रत्यक्ष, भावनात्मक जुड़ाव का भी आह्वान किया।

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सरकारी योजनाओं का फीडबैक लिया 
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने जिलों में सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की प्रगति और वर्तमान स्थिति के बारे में सीधा फीडबैक लिया। इस बातचीत से कार्य निष्पादन की समीक्षा करने और चुनौतियों का पता लगाने में मदद मिलेगी।  इसका उद्देश्य सभी हितधारकों के साथ मिलकर जिलों में विभिन्न विभागों द्वारा मिशन मोड में विभिन्न योजनाओं की पूर्णता के लक्ष्य को प्राप्त करना है। ऐसे रिव्यू का मकसद सरकारी योजनाओं की स्पीड बनाए रखना है, ताकि समय रहते उन्हें पूरा किया जा सके या उनका क्रियान्वयन बिना किसी दिक्कतों के चलता रहे। मोदी ने कलेक्टरों से उनके प्रयासों को भी जाना।

नागरिकों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए सरकार कटिबद्ध
बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, सरकार ने देशभर में प्रगति तथा विकास में विषमता को दूर करने के लिए लगातार कई कदम उठाए हैं। यह सभी नागरिकों ( all citizens) के जीवन स्तर को ऊपर उठाने और सभी के लिए समावेशी विकास सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।

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