सार

राहुल गांधी से नेहरू के निजी पत्र लौटाने की अपील! PMML का कहना है कि 2008 में सोनिया गांधी को सौंपे गए ये ऐतिहासिक पत्र अब तक वापस नहीं आए। क्या इन पत्रों में छुपा है कोई राज?

नई दिल्ली। PMML (Prime Ministers' Museum and Library) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से कहा है कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा लिखे गए निजी पत्र लौटा दीजिए। 2008 में ये पत्र सोनिया गांधी ले गईं थी, लेकिन वापस नहीं किया। उस समय केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार थी।

10 दिसंबर को लिखे पत्र में PMML के सदस्य रिजवान कादरी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से सोनिया गांधी से मूल पत्र वापस लेने या फोटोकॉपी या डिजिटल प्रतियां उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। PMML ने सितंबर में सोनिया गांधी से इसी तरह का अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने पत्र वापस नहीं किए।

51 बक्सों में पैक कर 2008 में सोनिया गांधी को भेजे गए थे पत्र

बताया जा रहा है कि ये पत्र बहुत अधिक ऐतिहासिक महत्व के हैं। 1971 में जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल द्वारा इन्हें नेहरू मेमोरियल संग्रहालय एवं पुस्तकालय (अब PMML) को सौंपा गया था। हालांकि कहा जा रहा है कि इन्हें 51 बक्सों में पैक कर 2008 में सोनिया गांधी को भेज दिया गया था।

इस संग्रह में नेहरू और एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, जयप्रकाश नारायण, पद्मजा नायडू, विजया लक्ष्मी पंडित, अरुणा आसफ अली, बाबू जगजीवन राम और गोविंद बल्लभ पंत जैसी प्रमुख हस्तियों के पत्र शामिल हैं। इन पत्रों से भारत के इतिहास की झलक दिख सकती है।

PMML ने कहा इन पत्रों से भारतीय इतिहास की मिलेगी जानकारी

राहुल गांधी को लिखे पत्र में PMML ने कहा, "ये पत्र भारतीय इतिहास के एक महत्वपूर्ण कालखंड के बारे में अमूल्य जानकारी प्रदान करते हैं। इसलिए इन्हें PMML के अभिलेखागार को वापस किया जाना चाहिए। हम समझते हैं कि ये दस्तावेज 'नेहरू परिवार' के लिए व्यक्तिगत महत्व रखते होंगे। हालांकि, PMML का मानना ​​है कि इन ऐतिहासिक सामग्रियों को अधिक व्यापक रूप से सुलभ बनाने से विद्वानों और शोधकर्ताओं को बहुत लाभ होगा।"

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