सार
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग और थाइलैंड से आने वाले सभी यात्रियों को RT-PCR टेस्ट करना होगा।
नई दिल्ली। चीन में कोरोना का कहर जारी है। इस बीच भारत सरकार देश में कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिए जरूरी इंतजाम करने में जुटी है। इसी क्रम में सरकार ने फैसला किया है कि चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग और थाइलैंड से आने वाले सभी यात्रियों को RT-PCR टेस्ट करना होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को यह जानकारी दी।
मंडाविया ने कहा कि इन देशों आने आने वाला यात्री अगर कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है या उसमें कोरोना के लक्षण दिखते हैं तो उसे क्वारंटाइन किया जाएगा। इन देशों से आने वाले यात्रियों के लिए स्वास्थ्य की स्थिति घोषित करने के लिए 'हवाई सुविधा' फॉर्म भरना अनिवार्य होगा।
शुरू हो गई रैंडम टेस्टिंग
बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले ही नागरिक उड्डयन मंत्रालय से कहा है कि वह शनिवार से प्रत्येक अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट से भारत आने वाले यात्रियों में से 2 प्रतिशत यात्रियों का रैंडम कोरोना जांच सुनिश्चित करे। स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश के अनुसार शनिवार से हवाईअड्डों पर यात्रियों की रैंडम टेस्टिंग शुरू हो गई है। अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, अहमदाबाद, पुणे, इंदौर और गोवा सहित विभिन्न हवाईअड्डों पर सुबह से यात्रियों की रैंडम कोविड जांच शुरू हुई।
यात्रियों के लिए यह है भारत सरकार का गाइडलाइन
- सभी यात्रियों के लिए कोरोना का टीका लिए हुए होना जरूरी है।
- विमान में उड़ान भरने के दौरान कोरोना से बचाव के उपाए अनाउंस किए जाएंगे। यात्रियों को मास्क पहनना होगा और दूसरे यात्रियों से दूरी बनाकर रखनी होगी।
- अगर किसी यात्री में कोरोना के लक्षण दिखते हैं तो उसे आइसोलेट किया जाएगा। उस यात्री को मास्क पहनना होगा। लैंडिंग के बाद इलाज के लिए यात्री को आइसोलेशन की सुविधा वाले स्वास्थ्यकेंद्र में भेजा जाएगा।
- एयरपोर्ट पर लैंडिंग के बाद एक दूसरे से दूरी बनाकर रखते हुए विमान से उतरना है।
- एयरपोर्ट पर स्वास्थ्यकर्मी द्वारा सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी।
- स्क्रीनिंग के दौरान अगर किसी यात्री में कोरोना के लक्षण दिखे तो उसे तुरंत आइसोलेट किया जाएगा और स्वास्थ्य केंद्र भेजा जाएगा।
- एयरपोर्ट पर लैंडिंग के बाद विमान के दो फीसदी यात्रियों की रैंडम कोरोना जांच होगी।
- किस यात्री की रैंडम जांच की जानी है इसका चुनाव एयरलाइंस द्वारा किया जाएगा। यात्री से सैंपल लिया जाएगा उसके बाद उसे एयरपोर्ट से जाने की इजाजत होगी।
- अगर वह यात्री की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसके सैंपल को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए INSACOG लेबोरेटरी नेटवर्क में भेजा जाएगा।
- संक्रमित यात्री को आइसोलेशन में रहना होगा और स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के अनुसार उसका इलाज होगा।
- हर यात्री को भारत आने के बाद अपनी सेहत पर नजर रखनी है। अगर कोरोना के लक्षण दिखते हैं तो नजदीकि स्वास्थ्य केंद्र या नेशनल हेल्पलाइन नंबर (1075) पर कॉल कर जानकारी देनी है।
- 12 साल से कम उम्र के बच्चों की रैंडम जांच नहीं होगी। बच्चों के परिजनों को उनके स्वास्थ्य की निगरानी करनी है। कोरोना के लक्षण दिखते हैं तो बच्चेकी जांच की जाएगी और उसका इलाज होगा।
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