सार

लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों से पहले मोदी सरकार अपना आखिरी पूर्ण आम बजट पेश करने जा रही है। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हुआ। सत्र की शुरुआत सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से हुई।

नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों से पहले मोदी सरकार अपना आखिरी पूर्ण आम बजट पेश करने जा रही है। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हुआ। सत्र की शुरुआत सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से हुई। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इकोनॉमिक सर्वे पेश किया(क्लिक करके पढ़ें)। 1 फरवरी को संसद में आम बजट पेश होगा। जानिए पूरी डिटेल्स...

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राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा-अमृतकाल का यह 25 वर्ष का कालखंड, स्वतन्त्रता की स्वर्णिम शताब्दी का, और विकसित भारत के निर्माण का कालखंड है। ये 25 वर्ष हम सबके लिए और देश के प्रत्येक नागरिक के लिए कर्तव्यों की पराकाष्ठा करके दिखाने के हैं। सरकार के लगभग नौ वर्षों में भारत के लोगों ने अनेक सकारात्मक परिवर्तन पहली बार देखे हैं। सबसे बड़ा परिवर्तन यह हुआ है कि आज हर भारतीय का आत्मविश्वास शीर्ष पर है और दुनिया का भारत को देखने का नज़रिया बदला है। राष्ट्रपति ने कहा कि हमें ऐसा भारत बनाना है, जिसमें कोई गरीब न हो। क्लिक करके पढ़ें पूरी डिटेल्स

बजट सत्र से पहले मोदी ने मीडिया से कहा-आज बजट सत्र शुरू हो रहा है। अर्थ जगत में जिनकी मान्यता है उनकी आवाज आशा की किरण ला रही है। आज भारत की वर्तमान राष्ट्रपति संयुक्त सदन को पहली बार संबोधित करने जा रही हैं। उनका संबोधन भारत के संविधान, संसदीय प्रणाली का गौरव है और आज नारी सम्मान का भी अवसर है।

मोदी ने कहा-#BudgetSession आज शुरू हो रहा है और शुरुआत में ही, अर्थव्यवस्था की दुनिया से विश्वसनीय आवाज़ें, एक सकारात्मक संदेश, आशा की किरण और उत्साह की शुरुआत लेकर आई हैं। संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति का पहला अभिभाषण हमारे संविधान और विशेषकर महिलाओं के सम्मान के लिए गर्व का विषय है। पूरी दुनिया की नजर भारत पर है। अस्थिर वैश्विक आर्थिक स्थिति के बीच भारत का बजट आम नागरिकों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करेगा। दुनिया को जो आशा की किरण दिख रही है, वह और तेज होगी। इसके लिए मुझे दृढ़ विश्वास है कि निर्मला सीतारमण उन आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सभी प्रयास करेंगी। हमारी वित्त मंत्री भी एक महिला हैं। वह कल देश के सामने एक और बजट पेश करेंगी। आज की वैश्विक परिस्थितियों में भारत ही नहीं पूरी दुनिया की नजर भारत के बजट पर है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा-राष्ट्रपति के अभिभाषण में पहुंचने की बहुत इच्छा थी, लेकिन मौसम के कारण ऐसा नहीं हो सका। इसके लिए मैं क्षमा चाहता । इसके अलावा जो विपक्ष ने सर्वदलीय दल की बैठक में बातें उठाईं हैं उसे लेकर भी सब मिलकर लड़ें। सत्र में हमें कई मुद्दे उठाने हैं। महंगाई-बेरोजगारी के अलावा देश का जो पैसा कुछ पूंजीपतियों को देकर बर्बाद किया जा रहा है उसका मुद्दा भी हम उठाएंगे। चीन को लेकर विदेश नीति का मुद्दा जो हमने पिछली बार उठाया था उसे हम इस बार भी उठाएंगे। हमने जिन पार्टियों को भारत जोड़ो यात्रा के समापन कार्यक्रम में शामिल होने का न्यौता दिया था उन्होंने जवाब दिया लेकिन मौसम खराब होने की वजह से बहुत से लोग नहीं पहुंच सके, बहुत लोग एयरपोर्ट जाकर लौटे।

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा-राष्ट्रपति का अभिभाषण दोहराता है कि सरकार क्या चाहती है और क्या करती है।राष्ट्रपति सरकार का बयान प्रस्तुत करते हैं। फिर भी हम राष्ट्रपति के अभिभाषण का सम्मान करते हैं। सदन में जब चर्चा होगी तब हम अपने विचार रखेंगे। सराकार के खिलाफ बहुत से मुद्दे हैं।

AAP और BRS द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बहिष्कार पर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा-इससे अच्छा गौरव का अवसर नहीं हो सकता जब उस वर्ग की महिला अभिभाषण दे रही हो जिसके लिए आज़ादी का अमृत काल ही तय था। AAP और BRS इस सुंदर अवसर से चूकी है ये उनका दुर्भाग्य था।

मोदी सरकार के लिए बेहद महत्वपूर्ण है ये बजट, पढ़िए 10 बड़ी बातें

1. बीआरएस नेता के केशव राव ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर ‘शासन के सभी मोर्चों पर विफलता का आरोप लगाते हुए पहले ही ऐलान कर दिया था कि इसके विरोध में उनकी पार्टी संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेगी।

2. आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी अभिभाषण का बहिष्कार करने का ऐलान किया था। केशव राव, जो राज्यसभा में भारत राष्ट्र समिति(BRS) के नेता भी हैं, ने ही कहा था कि AAP भी बीआरएस के बहिष्कार में शामिल होगी।

3. बीआरएस सुप्रीमो और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव राष्ट्रीय राजनीति में खुद के लिए एक भूमिका पर नजर गड़ाए हुए हैं और विपक्षी दलों के गठबंधन पर काम कर रहे हैं।

4. AAP नेता और सांसद संजय सिंह ने कहा, "राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के प्रति पूरे सम्मान के साथ हम संसद के संयुक्त सत्र का बहिष्कार कर रहे हैं, क्योंकि सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है और अपने वादों को पूरा नहीं किया है।"

5. केशव राव और संजय सिंह दोनों ने स्पष्ट किया कि वे और उनकी पार्टियां राष्ट्रपति और राष्ट्रपति की कुर्सी का सम्मान करती हैं, लेकिन वे केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के विरोध में अभिभाषण का बहिष्कार कर रही हैं।

6. यह मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट है। मोदी सरकार 2014 से अब तक 9 बजट पेश कर चुकी है। 2014 में लोकसभा चुनाव हैं, इससे पहले यह उसका 10वां बजट है।

7. बजट सत्र दो फेज में होगा। सत्र का पहला भाग 31 जनवरी से शुरू होकर 14 फरवरी तक चलेगा। 14 फरवरी से 12 मार्च तक छुट्टी है। बजट सत्र का दूसरा हिस्सा 13 मार्च से 6 अप्रैल तक होगा। इस फेज में संसद के दोनों सदनों में वित्त विधेयक पर चर्चा होगी। इसके बाद विधेयक को दोनों सदनों से पास कराया जाएगा। 31 जनवरी से 6 अप्रैल तक 66 दिनों (छुट्टी मिलाकर) में 27 बैठकें होंगी।

8. यह बजट सत्र इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि आम चुनाव की सुगबुगाहट सुनाई पड़ने लगी है। लिहाजा विपक्ष सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। महंगाई, चीनी घुसपैठ, गुजरात दंगों पर बनी BBC की डॉक्यूमेंट्री, कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और अडानी जैसे मुद्दे सदन में हंगामे की वजह बन सकते हैं।

9. इससे पहले 30 जनवरी को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। बैठक में 27 राजनीतिक दलों के 37 नेताओं ने हिस्सा लिया था। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक के बाद कहा था कि सरकार संसद में नियमों के तहत हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है। वे विपक्ष का सहयोग चाहते हैं।

10. सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में भी आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा सहित द्रमुक, वाम दलों आदि ने अदाणी समूह से जुड़ा मुद्दा उठाया और संसद सत्र के दौरान इस पर चर्चा कराने की मांग की।

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