सार
महाराष्ट्र में बुधवार से धारा 144 लागू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह ऐलान करते हुए कहा कि इसका कड़ाई से पालन कराया जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इसे लाॅकडाउन नहीं समझा जाए।
मुंबई। महाराष्ट्र में बुधवार से लाॅकडाउन जैसी पाबंदियों का ऐलान कर दिया गया। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बताया कि पूरे राज्य में कड़ाई से धारा 144 लागू करने का फैसला लिया गया है। बुधवार की रात 8 बजे से एक मई की सुबह सात बजे तक यह प्रभावी रहेगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इसे लाॅकडाउन नहीं समझा जाए।
आवश्यक सेवा में लगे लोगो को पालन करना होगा प्रोटोकाल
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बताया महाराष्ट्र में कोरोना के बेकाबू होने के बाद स्थितियों को संभालने के लिए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने बताया कि आवश्यक सेवाओं पर प्रतिबंध नहीं लागू होगा लेकिन कोरोना प्रोटाकाॅल का उनको सख्ती से पालन करना होगा। लोकल ट्रेन या बस सेवा केवल आवश्यक सेवाओं के लिए ही चलाई जाएंगी। पेट्रोल पंप या वित्तीय संस्थानें जो सेबी से जुड़ी हुई हैं, वह खुली रहेंगी।
गरीबों-मजदूरों के लिए महाराष्ट्र सरकार ने की विशेष व्यवस्था
- रियल एस्टेट सेक्टर के मजदूरों और परमिट वाले रिक्शा चालकों को 1500 रुपये की मदद।
- गरीब व जरुरतमंद को एक महीना दो किलो चावल व तीन किलो गेंहू मुफ्त।
- एक महीना तक शिव भोजन योजना के तहत गरीबों को खाने की थाली मुफ्त में सरकार उपलब्ध कराएगी।
निर्माण कार्याें पर नहीं होगा असर
आवश्यक सेवाओं के अतिरिक्त निर्माण कार्याें पर भी कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। इससे मजदूरों की आजीविका प्रभावित नहीं होगी। बता दें कि राज्य में लाखों की संख्या में मजदूर दूसरे राज्यों से काम करने के लिए आते हैं।
गरीबों को मुफ्त अनाज
महाराष्ट्र सरकार अगले एक महीना गरीब व जरूरतमंद को तीन किलो गेंहू और दो किलोग्राम चावल उपलब्ध कराएगी।
होटल-रेस्टोरेंट केवल होम डिलेवरी कर सकेंगे
होटल या रेस्टोरेंट में बैठकर खाना नहीं खाया जा सकेगा। यहां केवल होम डिलेवरी की व्यवस्था होगी।
सिनेमा हाल, थियेटर्स बंद
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के सभी सिनेमा हाॅल, थियेटर्स, आडिटोरियम, पार्क, जिम, स्पोर्ट्स कांप्लेक्स बंद रहेंगे।
फिल्मों की शूटिंग भी बंद
महाराष्ट्र में फिल्मों या सीरियल्स की शूटिंग्स को भी बंद करने का ऐलान सरकार ने किया है। इसके अलावा सभी प्रकार के माल्स, शाॅपिंग सेंटर्स जो आवश्यक सेवाओं के अंतर्गत नहीं हैं, को भी 14 अप्रैल को रात आठ बजे से एक मई की सुबह सात बजे तक बंद रखा जाएगा।
आवश्यक सेवाओं पर नहीं होगा असर
सब्जी, दवा की दूकानें खुली रहेंगी। इसके अलावा बैंकिंग भी चालू रहेगा। इसके अलावा डेयरी, बेकरीज, कन्फेक्शनरीज आदि सभी प्रकार के खाद्य पदार्थाें वाले शाॅप खुले रहेंगे। डेटा सेंटर व आईटी सेंटर को भी खोले रखने का आदेश है। इसके अतिरिक्त खेती-बाड़ी से संबंधित सेवाओं, वेयर हाउस, मास्क या सैनिटाइजर बनाने वाली कंपनियों पर भी कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
राजनीतिक या धार्मिक आयोजन रहेंगे प्रतिबंधित
मुख्यमंत्री ने बताया कि पंद्रह दिनों तक किसी प्रकार धार्मिक, राजनीतिक या सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन प्रतिबंधित रहेगा।
मंदिर-स्कूल-काॅलेज-कोचिंग बंद
अगले पंद्रह दिनों तक राज्य के समस्त मंदिरों, धार्मिक स्थलों, कालेज, कोचिंग सेंटर्स, स्कूलों, सैलून, ब्यूटीपार्लर को भी बंद करने का ऐलान किया गया है।
पाबंदियों का ऐलान करने के साथ सीएम ने पीएम मोदी से की ये मांग
- एयरफोर्स के हवाई जहाजों से आक्सीजन की सप्लाई की जाए।
- जीएसटी फाइलिंग डेट को तीन महीना स्थगित किया जाए।
- आर्थिक नुकसान लोगों का हुआ है, लोगों की आर्थिक मदद केंद्र करे।
- वैक्सीनेशन की उम्र सीमा हटाई जाए ताकि बड़ी तादाद में लोगों को लाभ मिल सके।
- नए एमबीबीएस डाॅक्टर्स की तैनाती की जाए।
ठाकरे बोलेः वक्त हाथ से निकल गया तो स्थितियां बेकाबू हो जाएंगी
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार कोरोना के आंकड़े छुपा नहीं रही है। हम यहां हो रही मौतों या कोरोना केसों का सही आंकड़ा पेश कर रहे हैं। हमको आक्सीजन की आवश्यकता पड़ सकती है। राज्य में 12 मीट्रिक टन आक्सीजन का उत्पादन रोज हो रहा है। एक हजार मीट्रिक टन का इस्तेमाल कोरोना मरीजों के लिए किया जा रहा है। राज्य में रेमडेसिविर इंजेक्शन का उत्पादन कम हो गया था लेकिन अब यह मार्केट में उपलब्ध हो चुका है। उन्होंने कहा कि हम कोरोना महामारी पर काबू पाने के लिए हर संभव प्रयास करने में लगे हैं। सरकार समाज के अलग-अलग लोगों से बात कर रही है। आवश्यकताओं पर या भविष्य के लिए प्लान भी बना रहे। यह बेहद महत्वपूर्ण समय है। यह वक्त अगर हाथ से निकल गया तो स्थिति गंभीर हो सकती है। उन्होंने लोगों से अपील की कि केवल आवश्यक होने पर ही घरों से निकले। बेवजह घर से न निकलें। हालात को काबू करने के लिए सख्ती करनी ही होगी। हर चीज की कुछ क्षमताएं होती है। राज्य के स्वास्थ्य व्यवस्था की भी एक क्षमता है। अगर अधिक भार पड़ेगा तो स्थितियां खराब हो जाएंगी और इसका असर हम सब पर पड़ेगा।