सार

सिंघु बॉर्डर पर एक शख्स की बर्बरता से हत्या (Singhu Border Murder) के बाद किसान आंदोलन सवालों के घेरे में आ गया है। किसान नेता राकेश टिकैत अपने बचाव में सरकार पर हत्या का इल्जाम लगा रहे हैं, जबकि योगेंद्र यादव ने निहंगों को वहां से चले जाने को कहा है।

नई दिल्ली. सिंघु बॉर्डर पर किसानों के धरना-प्रदर्शन के बीच 35 वर्षीय दलित युवक लखबीर सिंह की हत्या की घटना राजनीतिक तूल पकड़ती जा रही है। 26 जनवरी को दिल्ली के लाल किले पर हुई हिंसा और लखीमपुर केस के बाद अब इस कांड ने किसान आंदोलन पर कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। इस बीच किसान आंदोलन की बदनामी होते देख किसान नेताओं के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं। राकेश टिकैत इस हत्या के पीछे सरकार की साजिश बता रहे हैं, तो योगेंद्र यादव ने सिंघु बॉर्डर से निहंगों को चले जाने को बोला है।

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किसान संगठनों का हत्या से कोई लेना-देना नहीं
सिंघु बॉर्डर पर हत्या के बाद निशाने पर आए किसान संगठनों के बचाव में किसान नेता राकेश टिकैत ने विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ये आंदोलन को बदनाम करने की सरकारी की साजिश है। केंद्र के लोगों ने उकसाकर यह हत्या कराई है। इस हत्या का किसान संगठनों से कोई लेना-देना नहीं है। टिकैत ABP न्यूज से बात कर रहे थे। उन्होंने यहां तक कह दिया कि सरकार ने प्रशासन को करोड़ों रुपए दिए हैं, जिसके बाद यह हत्या हुई। टिकैत ने कहा कि जब तक लखीमपुर मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का इस्तीफा नहीं हो जाता, आंदोलन जारी रहेगा।

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योगेंद्र यादव बोले-यह आंदोलन कोई धार्मिक मोर्चा नहीं
सिंघु बॉर्डर पर हत्या ने किसान आंदोलन के सामने अपनी साख बचाने की एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। दो महीने पहले किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने सिंघु बॉर्डर से निहंगों को चले जाने को कहा था, अब यह बात योगेंद्र यादव ने दुहराई है। योगेंद्र यादव ने कहा कि किसान आंदोलन कोई धार्मिक मोर्चा नहीं है। इसमें निहंगों की कोई जगह नहीं है, लेकिन कोई हटने को तैयार नहीं है।

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किसान मोर्चा ने दिया था ये बयान
संयुक्त किसान मोर्चा(SKM) ने इस भीषण हत्या की निंदा करते हुए कहा कि मोर्चा किसी भी धार्मिक ग्रंथ या प्रतीक की बेअदबी के खिलाफ है, लेकिन यह किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं देता है। यह शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक आंदोलन किसी भी रूप में हिंसा का विरोध करता है। बता दें कि दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार सुबह यह दिल दहलाने वाला क्राइम सामने आया था। यहां गुरुवार रात इस युवक की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। युवक को 100 मीटर तक घसीटा गया। उसका एक हाथ काट दिया और फिर धरनास्थल पर मंच के सामने ही लाश को लटका दिया। इस हत्याकांड की जिम्मेदारी निहंगों ने ली है। मृतक मजदूर था और पंजाब के तरन तारन का रहने वाला था।

मायावती ने किया tweet
बसपा चीफ मायावती ने tweet करके लिखा-दिल्ली सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के एक दलित युवक की नृशंस हत्या अति-दु:खद व शर्मनाक। पुलिस घटना को  गंभीरता से लेते हुए दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे तथा पंजाब के दलित सीएम भी लखीमपुर खीरी की तरह पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए की मदद व सरकारी नौकरी दें, बीएसपी की यह मांग।