सार

सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसानों के धरना-प्रदर्शन के बीच एक शख्स की बर्बरता से हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट(Supreme court) में एक याचिका लगाकर सिंघु बॉर्डर खाली कराने की मांग उठाई गई है।
 

नई दिल्ली. सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन के बीच 35 वर्षीय दलित युवक लखबीर सिंह की हत्या और फिर शव के साथ बर्बरता करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट(Supreme court) में एक याचिका लगाकर सिंघु बॉर्डर खाली कराने की मांग उठाई गई है। बता दें कि दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार सुबह यह दिल दहलाने वाला क्राइम सामने आया था। यहां गुरुवार रात इस युवक की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। युवक को 100 मीटर तक घसीटा गया। उसका एक हाथ काट दिया और फिर धरनास्थल पर मंच के सामने ही लाश को लटका दिया। इस हत्याकांड की जिम्मेदारी निहंगों ने ली है। मृतक मजदूर था और पंजाब के तरन तारन का रहने वाला था।

जल्द सिंघु बॉर्डर खाली कराने की मांग
लखबीर सिंह की हत्या के बाद किसान आंदोलन को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। सीनियर वकील शशांक झा ने सुप्रीम कोर्ट(SC) में शुक्रवार को एक याचिका लगाई है। इसमें कहा गया कि सिंघु बॉर्डर को जल्द खाली कराया जाए। बता दें इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट किसान नेताओं को फटकार लगा चुका है।(क्लिक करके विस्तार से पढ़ें)

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तड़पा-तड़पाकर मारा गया
सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर गुरुवार देर रात युवक की हत्या मामले में लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। घटना के पीछे निंहगियों (Nihange) का कहना है कि युवक ने गुरु ग्रंथ साहिब (Guru Granth Sahib) की बेअदबी की थी। इसलिए उसे तड़पा-तड़पाकर मौत दी गई। यह भी सामने आया है कि शव के पीछे आतंकी भिंडरावाले (Terrorist Bhindranwale) का पोस्टर लगा था। ऐसे में खालिस्तानियों (Khalistanis) के किसान आंदोलन (Farmer Protest) में घुसपैठ करने को लेकर सवाल उठ रहे हैं।  इस मामले में एक निहंग सरबजीत सिंह ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है। उसने हत्या करना कबूल किया है।

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कई महीनों से सिंघु बॉर्डर पर चल रहा प्रदर्शन
बता दें कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ कुछ किसान संगठन पिछले एक साल से आंदोलित हैं। करीब 40 किसान संगठनों का संयुक्त मोर्चा कई जगह धरना-प्रदर्शन कर रहा है। इस मामले में अभी तक सरकार से कोई समझौता नहीं हो सका है।

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राकेश टिकैत बोले-धरना जारी रहेगा
इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों का धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। जब तक सरकार कृषि कानूनों को पूरी तरह से खत्म करने की घोषणा नहीं कर देती है, तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा। अपने ट्विटर पर उन्होंने लिखा कि संघर्ष से समाधान तक जारी रहेगा आंदोलन। 

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