सार
आज से संसद के विशेष सत्र की शुरुआत हुई। पांच दिन तक चलने वाले इस सत्र में चार बिलों को पेश किया जाएगा। इसके साथ ही वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election) पर सबकी निगाहें रहेंगी।
नई दिल्ली। तमाम कयासों के बीच आज से संसद का विशेष सत्र शुरू हो गया है। पांच दिन तक चलने वाले इस सत्र में चार बिल पेश किए जाएंगे। इसके साथ ही वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election) पर भी सबकी निगाहें रहेंगी।
ये चार बिल किए जाएंगे पेश
- अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2023
- प्रेस और आवधिक पंजीकरण विधेयक, 2023
- डाकघर विधेयक, 2023
- मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023
केंद्र सरकार द्वारा बताए गए एजेंडा में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' विधेयक को लेकर बात नहीं की गई है। विपक्षी दलों को आशंका है कि सरकार इस सत्र में कुछ बड़े मामलों पर बिल ला सकती है। इन चार में से पहले दो बिल को 3 अगस्त को राज्यसभा में पारित किया गया था। उन पर विशेष सत्र के दौरान लोकसभा में चर्चा की जाएगी। बाकी दो पर राज्यसभा में चर्चा होगी।
75 साल की संसदीय यात्रा पर होगी चर्चा
संसद के विशेष सत्र में सोमवार को 'संविधान सभा से शुरू हुई 75 साल की संसदीय यात्रा-उपलब्धियां, अनुभव, यादें और सीख' पर चर्चा होगी। सोमवार को भाजपा के लोकसभा सांसद सुनील कुमार सिंह और गणेश सिंह विशेषाधिकार समिति की छठी रिपोर्ट पेश करेंगे।
इन विधेयकों को पेश किए जाने की है चर्चा
इस बात की भी चर्चा है कि संसद के विशेष सत्र में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' विधेयक और इंडिया का नाम बदलकर भारत करने का प्रस्ताव लाया जा सकता है। पिछले कई सप्ताह से इन मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों और केंद्र सरकार के बीच विवाद चल रहा है।
महिला आरक्षण विधेयक को भी पेश किए जाने की संभावना है। कांग्रेस के नेता विशेष सत्र के दौरान इस पर जोर देने की तैयारी कर रहे हैं। रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सभी विपक्षी दलों ने इस संसद सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की मांग की। विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है।
नए संसद भवन में होगी कार्यवाही
सोमवार को संसद की कार्यवाही पुराने संसद भवन में होगी। मंगलवार को गणेश चतु्र्थी के दिन संसद की कार्यवाही नए भवन में शुरू होगी। 28 मई को इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। रविवार को उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने नए संसद में झंडा फहराया। इस कार्यक्रम में विपक्षी दलों के नेता भी शामिल हुए।