सुप्रीम कोर्ट ने GRAP-3 लागू होने के बाद दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के निर्माण मजदूरों को निर्वाह भत्ता देने का निर्देश दिया। राज्यों को वायु प्रदूषण कम करने और निवारक उपाय लागू करने की जिम्मेदारी दी गई।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक अहम आदेश दिया है। देश की शीर्ष अदालत ने कहा कि दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में GRAP-3 लागू होने के बाद जो निर्माण मजदूर बेरोज़गार हुए हैं, उन्हें निर्वाह भत्ता दिया जाए। इस फैसले का मकसद केवल मजदूरों को राहत देना नहीं है, बल्कि वायु प्रदूषण कम करने और निर्माण गतिविधियों पर नियंत्रण सुनिश्चित करना भी है।

निर्माण मजदूरों को राहत क्यों जरूरी?

GRAP-3 के नियम लागू होने से निर्माण स्थल पर कई कार्य बंद हो गए हैं। इससे प्रभावित मजदूरों की रोज़मर्रा की आमदनी ठप्प हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए कि राज्य सरकारें निर्माण मजदूरों के हक़ की सुरक्षा करें और उन्हें भत्ता दें, ताकि उनका जीवन प्रभावित न हो।

राज्यों की जिम्मेदारी क्या है?

मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की सरकारों को यह भी कहा कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए निवारक उपाय लागू करें और उनकी नियमित समीक्षा करें। इसका मतलब है कि सिर्फ नियम बनाने से काम नहीं चलेगा, बल्कि यह देखा जाएगा कि उपाय सही तरीके से लागू हो रहे हैं या नहीं।

क्या GRAP-3 से सच में हवा साफ होगी?

GRAP-3 का पूरा नाम Graded Response Action Plan (श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना) है। इसके तहत प्रदूषण बढ़ने पर निर्माण और अन्य गतिविधियों पर रोक लगाई जाती है। इससे हवा में धूल और हानिकारक तत्वों की मात्रा कम हो सकती है। हालांकि, इसका असर तभी दिखेगा जब राज्यों द्वारा नियमों का सही पालन और मजदूरों के भत्ते की व्यवस्था समय पर की जाए।

निर्माण मजदूरों के लिए नया अवसर या चुनौती?

निर्वाह भत्ता मिलने से मजदूरों की आर्थिक मदद होगी। यह एक तरह की राहत है, जिससे मजदूर बिना चिंता के घर और परिवार की ज़रूरतें पूरी कर सकते हैं। वहीं, राज्यों को भी यह सुनिश्चित करना है कि भत्ता समय पर पहुंचे और GRAP-3 का पालन सही तरीके से हो।

रोजगार और प्रदूषण दोनों महत्वपूर्ण

सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश मजदूरों के हक़ और पर्यावरण दोनों के लिए अहम है। GRAP-3 नियमों का पालन और निर्वाह भत्ता देने से वायु प्रदूषण कम करने और मजदूरों की मदद करने का संतुलन बना रहेगा।