सार

एसएससी घोटाले में पूर्व तृणमूल मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय एजेंसियों द्वारा कथित भ्रष्टाचार पर Anubrata Mondal की गिरफ्तारी दूसरी हाई-प्रोफाइल कार्रवाई है। ED की छापेमारी के दौरान मुखर्जी के घर से 50 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी बरामद हुई थी।
 

कोलकाता। पशु तस्करी के मामले में अरेस्ट हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता अनुब्रत मंडल (Anubrata Mondal) को दस दिन की सीबीआई कस्टडी (CBI custody) में भेज दिया गया है। गुरुवार को सुबह केंद्रीय जांच ब्यूरो ने तृणमूल कांग्रेस नेता अनुब्रत मंडल को पशु तस्करी के एक मामले (Cattle smuggling case) में गिरफ्तार किया था। टीएमसी नेता को बीरभूम जिला (Birbhum) से सुबह-सवेरे अरेस्ट किया गया। उधर, अनुब्रत मंडल के वकील ने कहा कि पूछताछ के लिए पेश होने के पहले मंडल को कम से कम दो सप्ताह की मोहलत चाहिए। सीबीआई ने बुधवार को अपने मुख्यालय को एक रिपोर्ट भेजी थी जिसमें बताया गया था कि कैसे श्री मंडल ने पशु तस्करी मामले में 10वीं बार समन का जवाब नहीं देने के बाद भी पूछताछ का सामना करने के लिए और समय मांगा।

कांग्रेस बोली-ममता बनर्जी भी शामिल

कांग्रेस ने पशु तस्करी घोटाले में टीएमसी नेता की गिरफ्तारी के बाद सीएम ममता बनर्जी पर बड़ा आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhary) ने कहा कि सीएम ममता बनर्जी और टीएमसी नेता घोटालों में शामिल हैं। कई वर्षों से वे सरकार का दुरुपयोग कर रहे हैं। इस तरह के घोटाले सरकार और पुलिस के समर्थन के बिना संभव नहीं हैं। आज टीएमसी चोरों की पार्टी बन गई है।

अरेस्ट के पहले सीआरपीएफ लगाना पड़ा

गुरुवार को कई गाड़ियों से सीबीआई अधिकारी बीरभूम स्थित अनुब्रत मंडल के घर पहुंचे। इसके पहले काफी संख्या में सीआरपीएफ के जवान पहले ही पहुंचकर मंडल के घर को चारो ओर से घेर लिया। फिर उनके अरेस्ट की कार्रवाई पूरी की गई। तृणमूल जिला प्रमुख यहां के बेहत ताकतवर नेता हैं। फोर्स सहित सीबीआई अधिकारी अंदर घुसे और जांच में सहयोग न करने के आरोप में उनको अरेस्ट किया।

कोलकाता लाया जाएगा मंडल को

अनुब्रत मंडल को राज्य की राजधानी कोलकाता लाया जाएगा। इससे पहले, उनके डॉक्टर ने मंडल को बिस्तर पर आराम करने की सलाह दी थी। सूत्रों ने कहा कि वह फिस्टुला के इलाज के लिए एक ऑपरेशन के लिए जाने की योजना बना रहे थे, लेकिन सरकारी एसएसकेएम अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि उसे अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है।

पशु तस्करी में कितने आरोपी?

सीबीआई ने पशु तस्करी मामले में चार चार्जशीट दाखिल की हैं और 11 आरोपियों को नामजद किया है। इस मामले में मंडल के अंगरक्षक सहगल हुसैन को गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने आरोप लगाया कि तृणमूल नेता के अंगरक्षक ने पशु तस्करों और मंडल के बीच धन पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सीबीआई का दावा है कि हुसैन ने करोड़ों रुपये की संपत्ति भी अर्जित की है।

पहले भी इस मामले में सीबीआई ने डाला था रेड

सीबीआई और ईडी ने बीरभूम में 3 अगस्त को भी रेड किया था। संयुक्त टीम को 6 हिस्सों में बांट दिया गया था। टीम ने नानूर के बसापारा के सतरा गांव में जिला परिषद के कार्य निदेशक और तृणमूल नेता करीम खान के घर को सर्च किया था। नानूर में ही करीम के करीबी जियारुल हक उर्फ ​​मुक्तर के अतखुला घर की भी तलाशी ली थी। पाइकपारा में सुभाष पल्ली, सरखा पल्ली और पत्थर व्यापारी तुलु मंडल के 3 घरों पर भी सीबीआई ने छापा मारा था।

CBI कर चुकी है दस समन

सीबीआई ने बुधवार(10 अगस्त) को नई दिल्ली में अपने मुख्यालय को एक रिपोर्ट भेजी थी। रिपोर्ट के अनुसार टीएमसी के बीरभूम जिलाध्यक्ष अनुब्रत मंडल कथित पशु तस्करी के सिलसिले में 10वीं बार जांच के लिए पेश नहीं हुए। उन्होंने और समय कैसे मांगा था। मंडल के वकीलों ने CBI को सूचित किया था कि पूछताछ के लिए पेश होने से पहले उन्हें 15 दिन का समय चाहिए। एजेंसी ने उन्हें मंगलवार को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुधवार सुबह 11 बजे तक पेश होने के लिए तलब किया था।

केष्टो मंडल के नाम से प्रसिद्ध

अणुव्रत मंडल को केष्टो मंडल के नाम से क्षेत्र में जाना जाता है। वह बीरभूम जिला तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख हैं। मंडल डब्ल्यूबीएसआरडीए के चेयरमैन भी हैं। वे कई विवादों में घिरे रहे हैं। 1960 के दशक में जन्मे अणुव्रत मंडल बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में एक हैं। जुलाई, 2013 में जब बंगाल में पंचायत चुनाव हुए थे, तब अणुव्रत मंडल ने तृणमूल कार्यकर्ताओं से खुलेआम कहा था कि वो पुलिस पर बम फेंकें और निर्दलीय उम्मीदवारों के घरों को जला दें।

पश्चिम बंगाल में दूसरी हाई प्रोफाइल कार्रवाई

कर्मचारी चयन आयोग, या एसएससी, घोटाले में पूर्व तृणमूल मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय एजेंसियों द्वारा कथित भ्रष्टाचार पर श्री मंडल की गिरफ्तारी दूसरी हाई-प्रोफाइल कार्रवाई है। प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी के दौरान मुखर्जी के घर से 50 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी बरामद हुई।

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