सार

लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों से पहले मोदी सरकार आज(1 फरवरी) को अपना आखिरी पूर्ण आम बजट पेश करने जा रही है। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हुआ था। मोदी सरकार 2014 से अब तक 9 बजट पेश कर चुकी है।

नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों से पहले मोदी सरकार आज(1 फरवरी) को अपना आखिरी पूर्ण आम बजट पेश करने जा रही है(क्लिक करके पढ़ें पूरा बजट)। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हुआ था। मोदी सरकार 2014 से अब तक 9 बजट पेश कर चुकी है। 2014 में लोकसभा चुनाव हैं, इससे पहले यह उसका 10वां बजट है। पढ़िए बजट से पहले और बाद में किसकी क्या प्रतिक्रियाएं आईं?

बजट के बाद किसने क्या कहा

पीएम मोदी ने कहा कि बजट गरीब, किसान और मध्यम वर्ग सभी की उम्मीदों को पूरा करने वाला है। उन्होंने कहा कि यह बजट इस देश के मेहनतकश के लिए अनेक प्रोत्साहन योजनाओं को लेकर आया है। महिलाओं के जीवन में भी इस बजट से नया आयाम मिलेगा। क्लिक करके पढ़ें पूरी डिटेल्स

बजट में कुछ चीजें अच्छी थीं। मैं इसे पूरी तरह नकारात्मक नहीं कहूंगा, लेकिन अभी भी कई सवाल उठते हैं। बजट में मनरेगा का कोई जिक्र नहीं था। सरकार मजदूरों के लिए क्या करने जा रही है? बेरोजगारी, महंगाई की बात भी नहीं की गई-कांग्रेस सांसद शशि थरूर

यह बजट भारत की बेरोजगारी के मुद्दे को एड्रेस नहीं करता है- पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी

बजट में मध्यम वर्ग को मदद दी गई है, सबको कुछ न कुछ दिया गया है। डेढ़ घंटे तक हमने बजट सुना अब हम इस पर बात करेंगे जब मौका आएगा-जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला

बजट का एक बड़ा हिस्सा राष्ट्रपति के अभिभाषण और आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट की पुनरावृत्ति है। टैक्स में किसी भी तरह की कटौती का स्वागत है। लोगों के हाथ में पैसा देना अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा तरीका है-कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम

भाजपा अपने बजट का दशक पूरा कर रही है, पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी। भाजपाई बजट महंगाई व बेरोज़गारी को और बढ़ाता है। किसान, मज़दूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ती है क्योंकि ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुंचाने के लिए बनता है-सपा चीफ अखिलेश यादव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय आम बजट 2023-24 सामाजिक न्याय, समानता और समान अवसर की अवधारणा को चरितार्थ करने वाला बजट है। यह गरीब- कल्याण, गरीबों को सशक्त और सक्षम बनाने वाला और ग्राम विकास, कृषि विकास, श्रमिक कल्याण, अवसंरचना विकास, पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी क्षेत्रों के विकास को समर्पित बजट है। जिसके लिए प्रधानमंत्री जी एवं वित्त मंत्री जी का हार्दिक आभार एवं अभिनंदन-केशव प्रसाद, डिप्टी सीएम यूपी

देश में पहले की तरह पिछले 9 वर्षों में भी केन्द्र सरकार के बजट आते-जाते रहे जिसमें घोषणाओं, वादों, दावों व उम्मीदों की बरसात की जाती रही, किन्तु वे सब बेमानी हो गए जब भारत का मिडिल क्लास महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी आदि की मार के कारण लोवर मिडिल क्लास बन गया, अति-दुखद। इस वर्ष का बजट भी कोई ज्यादा अलग नहीं। पिछले साल की कमियां कोई सरकार नहीं बताती और नए वादों की फिर से झड़ी लगा देती है जबकि जमीनी हकीकत में 100 करोड़ से अधिक जनता का जीवन वैसे ही दाव पर लगा रहता है जैसे पहले था। लोग उम्मीदों के सहारे जीते हैं, लेकिन झूठी उम्मीदें क्यों-मायावती, बसपा चीफ

हम बहुत खुश हैं कि इतना अच्छा बजट पेश किया गया है-केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू

आम आदमी के लिए ये बजट बहुत अच्छा है, ये एक ऐतिहासिक कदम है। मध्यम वर्ग को इस बजट से बहुत राहत मिलेगी-भाजपा सांसद गौतम गंभीर

मुझे लगता है अमृतकाल में ये हमारा रोडमैप है, हम दुनिया में अपनी अर्थव्यवस्था को 10वें से 5वें स्थान पर ले आए इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता- केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल

पिछले बजट को आधार लेकर आगे बढ़ने की कोशिश की गई है। इसके अंदर अगले 25 सालों के लिए भारत कैसे आगे बढ़े उसकी नींव रखी गई है-केंद्रीय मंत्री वीके सिंह

ये बजट मध्यम वर्ग के हित में है, इससे भारत प्रफुल्लित है भले ही विपक्ष नाराज़ हो। इस बजट से महिला का सम्मान बढ़ा, बच्चों और किशोरों के लिए डिजिटल लाइब्रेरी की घोषणा से ज़िला स्तर पर बच्चे कैसे पढ़ेंगे और बढ़ेंगे, इसका उल्लेख किया गया है। नारी शक्ति एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण कैसे कर सकती है इसका प्रतिबिंब आज के बजट में दिखता है-केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी

अमृतकाल का पहला बजट बहुत क्रांतिकारी है, ये समाज के हर वर्ग को राहत देने वाला है। विशेषकर मध्यम वर्ग को आयकर में राहत दी गई है, जो टैक्स स्लैब बनाया गया है, वो राहत देने वाला है। युवा, महिला, वरिष्ठ नागरिक सभी को इस बजट में राहत दी गई है।समाज के निम्न वर्ग को भी राहत दी गई है, पीएम आवास योजना में जो योगदान बढ़ाया गया है वो स्वागतयोग्य है-हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर

2023-24 का केंद्रीय बजट किसानों, महिलाओं, हाशिए पर पड़े वर्गों और मध्यम वर्ग को समर्थन देने की प्राथमिकता के साथ विकास और कल्याण पर केंद्रित है। बजट प्रस्ताव देश को कुछ वर्षों के भीतर 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और विश्व स्तर पर टॉप थ्री इकोनॉमी बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में ले जाएगा। बजट विकास और कल्याणकारी नीतियों का समर्थन करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है, जो छोटे व्यवसायों के मालिकों, किसानों और पेशेवरों सहित समाज के सभी वर्गों को समान रूप से लाभान्वित करेगा-राजनाथ सिंह, रक्षामंत्री

मैंने वित्त मंत्री को कई बार कहा है कि जब भी बजट बनाए तो अनुच्छेद 39 को देख लें। संविधान से आंखें मूंद कर स्तुति गान वाला बजट बनाते हैं, तो कुछ हासिल नहीं होगा। रोजगार के लिए आपने गोल-गोल बातें की। ये बजट खास लोगों का खास लोगों द्वारा खास तरह से बनाया बजट है-RJD सांसद मनोज झा

ये चुनावी बजट है, किसानों के लिए कुछ नहीं है। किसानों की एमएसपी की बात नहीं की है। रेलवे को पूरी तरह नज़रअंदाज़ किया गया है। आधी से ज्यादा आबादी गांव में बसती है, लेकिन उनके लिए कुछ नहीं किया है। ये बहुत ही निराशाजनक बजट है- सपा सांसद डिंपल यादव

यह बजट देश की वास्तविक भावना को संबोधित नहीं कर रहा है, जो कि महंगाई और बेरोजगारी है। इसमें केवल फैंसी घोषणाएं थीं जो पहले भी की गई थीं लेकिन कार्यान्वयन के बारे में क्या? पीएम किसान योजना से सिर्फ बीमा कंपनियों को फायदा हुआ किसानों को नहीं- कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल

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BJP धर्म की राजनीति से ध्यान भटका कर संविधान खत्म कर रही है। नाम बदलने के अलावा इन्होंने कुछ किया? इससे किसे रोजी-रोटी मिली? बिहार के लोगों को ठगने की कोशिश की गई है। मध्यम वर्ग महंगाई से परेशान है। टैक्स में छूट आंखों में धूल झोंकने के बराबर है। ये बजट निल बट्टा सन्नाटा है, बिहार के लिए कुछ नहीं है। केंद्र में बिहार के जितने सांसद हैं उन्हें शर्म से डूब जाना चाहिए। किसानों के लिए, रेलवे के लिए कुछ नहीं है। UPA की सरकार में बिहार को जितना दिया जाता था, क्या इस सरकार ने दिया-बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव

बजट से पहले इन्होंने ये कहा

बजट देखने के बाद हम अपनी प्रतिक्रिया देंगे। बिना बजट देखे अंदाज़े पर बोलना गलत होगा। बजट रिपोर्ट देखने के बाद, बजट कैसा होना चाहिए था और कैसा है इस पर बात करेंगे। राष्ट्रपति के अभिभाषण में तो कुछ नहीं दिखा अब बजट में उनका जलवा देखेंगे-कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे

समाज के सभी तबकों के उम्मीदों वाला बजट होने वाला है। ये बजट सब की उम्मीद पर खरा उतरेगा- केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी

देश ने कोविड से अच्छी रिकवरी की है। आर्थिक सर्वेक्षण को देखें तो सभी क्षेत्रों में प्रगति हो रही है। अन्य देशों की तुलना में हमारी अर्थव्यवस्था अच्छी है। 2014 में भारत अर्थव्यवस्था के लिहाज से 10वें स्थान पर था, आज 5वें स्थान पर है- वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड, दिल्ली

गैस के साथ-साथ खाने पीने की चीजें सस्ती होनी चाहिए। आम आदमी के लिए सरकार अगर अपना पिटारा खोल दे तो राहत मिलेगी। लंबी दूरी की रेल यात्राओं में भी राहत मिलनी चाहिए-दिल्ली में एक आम नागरिक ने कहा

महंगाई और बेरोजगारी बहुत बढ़ गई है। पिछले 2 सालों से आम आदमी पर बोझ बढ़ा है। 2 साल से टैक्स रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है, इसबार आम आदमी को टैक्स में राहत मिलनी चाहिए-मुंबई से एक व्यक्ति ने कहा

यहां देख सकते हैं बजट

मोदी सरकार का यह लगातार तीसरा पेपरलेस तरीके से बजट है। सीतारमण ने 2021 में केंद्रीय बजट मोबाइल ऐप-Union Budget Mobile app की शुरुआत की थी। उपयोगकर्ता बजट मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से अगले केंद्रीय बजट 2023-24 से जुड़े सभी कागजात देख सकेंगे।

Android users ऐसे देख सकते हैं बजट

play.google.com/store/apps/details?id=com.nic.unionbudget

Apple devices यहां देख सकते हैं बजट

https://apps.apple.com/in/app/union-budget-app/id1548425364

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