सार
कोरोना महामारी में संक्रमण को हराने वालों में से एक हैं लालता प्रसाद। इन्होंने माना कि डर की वजह से ये ज्यादा बीमार पड़ गए। अगर शुरू में ही डॉक्टर के पास जाते तो सही सलाह से जल्दी ठीक हो जाते। उन्होंने ये भी बताया कि नीम की पत्ती का इस्तेमाल करना कोरोना को हराने में फायदेमंद हो सकता है।
नई दिल्ली. कोरोना संक्रमण से पैदा हुआ डर बीमारी से ज्यादा खतरनाक हो सकता है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्यों दूसरी लहर में देखा गया कि शुरुआती लक्षण दिखने के बाद भी लोग कोरोना संक्रमित होने को टालते रहे और इस चक्कर में किसी लोकल डॉक्टर से दवा लेकर बीमारी को और भी ज्यादा घातक बना लिया। ऐसा ही केस यूपी के आजमगढ़ जिले के लालता प्रसाद का है। उन्होंने भी शुरुआती लक्षण को मौसमी बीमारी मानकर टाल दिया, जिससे तीन दिन तक बिस्तर पर ही पड़े रहे। आईए जानते हैं कि कैसे लालता प्रसाद ने इन गलतियों के बाद भी कोरोना को हराया?
Asianetnews Hindi के विकास कुमार ने आजमगढ़ में रहने वाले लालता प्रसाद से बात की और कोरोना के करीब 20 दिनों के दौरान उनके साथ क्या-क्या हुआ, उसके बारे में जाना।
'न सर्दी न खांसी, सिर्फ तेज बदन दर्द'
मुझे कोरोना के शुरुआती लक्षण 2 मई को ही दिखने लगे थे। हालांकि उस वक्त सर्दी और खांसी की दिक्कत नहीं थी। बुखार भी नहीं था। सिर्फ तेज बदन दर्द हो रहा था। ऐसे में मामूली बीमारी मानकर मैंने स्थानीय डॉक्टर से दवा ले ली। तीन दिन तक दवा खाई लेकिन कोई असर नहीं हुआ। उल्टा और भी ज्यादा बीमार होने लगा।
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'तीन दिन तक बिस्तर से उठ नहीं सका'
तबीयत इतनी ज्यादा खराब लग रही थी, मानों शरीर में जान ही नहीं है। न ही कहीं जाने का मन करता और न ही किसी से बात करने का। सिर्फ बिस्तर पर ही लेटा रहता। इस दौरान मेरे बेटे बार-बार पूछते थे कि कोई और दिक्कत तो नहीं हो रही है? अभी दर्द कैसा है? मैं ये कहकर टाल देता कि सब ठीक है।
'तीन दिन बाद बेटा जबरदस्ती डॉ. के पास ले गया'
लापरवाही में तीन दिन गुजर गए। इस दौरान बेटे को कुछ शक हुआ कि कहीं कोरोना के लक्षण तो नहीं है। हालांकि मैं डर रहा था और डॉक्टर के पास नहीं जाना चाहता था, लेकिन बेटे ने जिद की। फिर समझाया कि कुछ नहीं होगा तो कुछ नहीं निकलेगा और अगर कोरोना होगा तो दवा से ठीक हो जाएगा। इसमें डरने की क्या बात है? मैं बेटे की बात मानकर उसके साथ हॉस्पिटल चला गया। वहां कोरोना के एक्सपर्ट डॉक्टर ने मुझे देखा।
'पहले सीटी स्कैन और कुछ ब्लड टेस्ट लिखे'
डॉक्टर के पास गया तो मास्क लगाए-लगाए खांसी आने लगी। डॉक्टर ने मुझे देखकर कहा कि पहले सीटी स्कैन और ब्लड टेस्ट कराकर आईए। मैं सीटी स्कैन और ब्लड टेस्ट कराने चला गया। इसमें करीब 3-4 घंटे लग गए। जब रिपोर्ट आई तो मैं डर गया। उसमें सीटी स्कोर तो 5 था लेकिन सीआरपी 51 था। इसके बाद रिपोर्ट लेकर हम डॉक्टर के पास गए।
'डॉक्टर ने कहा, अगले 7 दिन बहुत क्रिटिकल हैं'
डॉक्टर ने रिपोर्ट देखकर कहा कि अभी कोरोना से फेफड़े पर अटैक करना शुरू किया है। आप ने दिखाने में थोड़ी देरी की है, लेकिन हम कोशिश करेंगे कि हॉस्पिटल में भर्ती न होना पड़े। घर पर ही दवा से ठीक हो जाए। उन्होंने कहा कि आपका सीआरपी बहुत बढ़ा हुआ है। 51 बहुत ज्यादा होता है। अगले 7 दिन आपके लिए बहुत क्रिटिकल होंगे।
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'7 दिन के लिए 8 दवाएं दी और कही एक खास बात'
डॉक्टर ने पहले 7 दिन के लिए 8 दवाएं दीं। फिर बेटे को बुलाकर कहा कि हर 4 घंटे में इनका ऑक्सीजन का लेवल चेक करते रहना। अगर ऑक्सीजन लेवल 94 से नीचे आए तो मुझे तुरन्त फोन करना। 94 से नीचे आना डेंजर है। बेटा मुझे लेकर घर आ गया फिर बाजार से ऑक्सीमीटर खरीद लाया। फिर दिन में करीब 5 बार मेरा ऑक्सीजन का लेवल चेक करता था।
'घर पर ही आइसोलेट कर दिया गया, बेटे ने की देखभाल'
मुझे घर पर ही आइसोलेट कर दिया गया। बेटे ने मेरी देखभाल की। करीब 7 दिन तक दवा खाई। इस दौरान हर दिन भाप लेने के लिए नीम की पत्ती, तुलसी और अजवाइन का इस्तेमाल करता था। इतना ही नहीं, हर दिन सुबह-सुबह नीम की पत्ती खाता था। नीम का भाप लेने से कड़वा तो लगता था लेकिन उससे बहुत राहत मिलती थी।
'7 दिन दवा खाने के बाद फिर डॉक्टर के पास गया'
7 दिन दवा खाने के बाद फिर डॉक्टर के पास गया। डॉक्टर को बताया कि खांसी की ज्यादा दिक्कत नहीं है, लेकिन कमजोरी बहुत ज्यादा है। ज्यादा चलने से चक्कर तक आने लगता है। डॉक्टर ने कहा कि ऐसा होगा। धीरे-धीरे शरीर में जान आएगी। डॉक्टर ने फिर 7 दिन की दवा दी और कहा कि अब जो भी ताकत वाली चीजें हैं उसे खाएं। हां, ठंडी चीजों से बचना है। मैं भी वैसा ही किया। हमेशा गर्म पानी ही पिया। मैं क्या, मेरा पूरा परिवार गर्म पानी पीने लगा।
'करीब 14 दिन बाद डॉक्टर के पास गया तो फिर दवा दी'
14 दिन बाद फिर से डॉक्टर के पास गया तो फिर से दवा दी। हालांकि कुछ दवाएं कम कर दी और कहा कि अगली बार आना तो एक एक्सरे कराऊंगा फिर नहीं आना पड़ेगा। मैंने कहा ठीक है। दवाएं खाता रहा फिर 10 दिन डॉक्टर के पास गया और एक्सरे कराया। फेफड़ों में संक्रमण नहीं दिखा। डॉक्टर ने कहा कि अब आप पूरी तरह से ठीक हैं, लेकिन कमजोरी अभी भी रहेगी और धीरे-धीरे जाएगी। डॉक्टर ने ये भी कहा कि अब आप परिवार के साथ रह सकते हैं, लेकिन मास्क हमेशा लगाए रहें।
'कोरोना के हराने के लिए 3 काम करना जरूरी है'
कोरोना को हराने के लिए 3 काम करना बहुत जरूरी है। पहला तो ये कि अगर शरीर में कोई भी दिक्कत हो रही है तो बिना घबराए डॉक्टर के पास जाए। कोरोना एक्सपर्ट डॉक्टर ही आपको सही दवा दे सकता है। वह दवा देगा और आप जल्द ही ठीक हो जाएंगे। तबीयत भी नहीं बिगड़ेगी। दूसरा नीम की पत्ती का इस्तेमाल। इसे भाप भी लें और संभव हो तो हर दिन सुबह के वक्त इसे खाएं भी।
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