सार

पश्चिम बंगाल में ट्रेनी डॉक्टर की रेप और हत्या के बाद आंदोलन कर रहे डॉक्टर्स की मांगों को राज्य सरकार ने मान लिया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर समेत कई अधिकारियों को हटा दिया है।

Trainee doctor rape and murder case: ट्रेनी डॉक्टर की रेप व हत्या के बाद आंदोलित डॉक्टर्स की मांगों को राज्य सरकार ने मान लिया है। पश्चिम बंगाल की चीफ मिनिस्टर ममता बनर्जी और जूनियर डॉक्टर्स के साथ हुई बातचीत के बाद मंगलवार को राज्य में बड़ा फेरबदल कर दिया गया है। कोलकाता के बहुचर्चित पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को हटा दिया गया है। इसके अलावा मेडिकल एजुकेशन के डायरेक्टर व हेल्थ सर्विसेस के डायरेक्टर को भी हटा दिया गया है। राज्य में जूनियर डॉक्टर्स के चल रहे व्यापक धरना-प्रदर्शनों के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।

क्यों जूनियर डॉक्टर्स कर रहे आंदोलन?

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को पीजी ट्रेनी डॉक्टर की लाश कैंपस के सेमीनार हॉल में मिली थी। ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। इस हृदयविदारक वारदात ने पूरे देश को झकझोर दिया था। देशभर के प्रोफेशनल्स वर्कस्पेस पर अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित दिखे, खासकर पश्चिम बंगाल के डॉक्टर्स। मंगलवार को जूनियर डॉक्टर्स के आंदोलन का 39वां दिन था। जूनियर डॉक्टर्स, आरजी कर मेडिकल कॉलेज के वारदात के बाद लापरवाह अधिकारियों व संबंधित अन्य लोगों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को हटाने की लगातार मांग की जा रही थी। इसके अलावा संबंधित हेल्थ ऑफिसर्स पर भी कार्रवाई की मांग की जा रही थी। पिछले दिनों सीबीआई ने पूर्व प्राचार्य संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के तत्कालीन प्रभारी अभिजीत मंडल को अरेस्ट किया था। इन पर सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप है।

डॉक्टर्स की मांग पर ममता सरकार ने क्या कार्रवाई की?

39 दिनों से आंदोलित जूनियर डॉक्टर्स से ममता बनर्जी लगातार बातचीत कर हल निकालने की कोशिश कर रहीं थीं। उन्होंने पांच बार जूनियर डॉक्टर्स से बातचीत की कोशिश की लेकिन बातचीत नहीं हो सकी। पांचवीं बार सोमवार को ममता बनर्जी की ओर से आखिरी बार बातचीत के लिए आमंत्रित किया। हालांकि, इस बार 15 डॉक्टर्स का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला। करीब दो घंटे के आसपास बातचीत हुई। इस सकारात्मक बातचीत के बाद सरकार ने कहा कि 99 प्रतिशत मांगों को मान लिया गया है।

डॉक्टर्स को ममता बनर्जी ने क्यों कहा छोटा भाई?

आंदोलनकारी डॉक्टर्स के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के बाद ममता बनर्जी ने ऐलान किया कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को हटाया जाएगा। इसके अलावा डॉक्टर्स की मांग पर उत्तरी डिवीजन के डिप्टी कमिश्नर और दो स्वास्थ्य विभाग के दो आला अधिकारियों को भी हटाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी जगहों पर नए अधिकारियों को तैनात किया जाएगा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने डॉक्टरों की 99% मांगों को स्वीकार कर लिया है क्योंकि वे हमारे छोटे भाई हैं।

डॉक्टर्स की डिमांड मानने के बाद सरकार ने क्या कार्रवाई की?

राज्य सरकार ने डॉक्टर्स की डिमांड को पूरा करते हुए कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को हटा दिया। गोयल की जगह 1998 बैच के अधिकारी मनोज कुमार वर्मा को नया पुलिस कमिश्नर बनाया गया है। इसी साल जनवरी में मनोज कुमार वर्मा को एडिशनल डीजी लॉ एंड आर्डर बनाया गया था। आईपीएस अधिकारी जावेद शमीम को एडीजी लॉ एंड आर्डर बनाया गया है। 1994 बैच के आईपीएस विनीत गोयल को एडीजी और एसटीएफ का आईजी बनाया गया है।

इसके अलावा कोलकाता नार्थ डिवीजन के डिप्टी कमिश्नर अभिषेक गुप्ता को भी हटा दिया गया है। उनकी जगह पर दीपक सरकार को डिप्टी कमिश्नर के रूप में तैनाती दी गई है। नार्थ डिवीजन क्षेत्र में ही आरजी कर मेडिकल कॉलेज आता है। दरअसल, अभिषेक गुप्ता पर आरोप था कि उन्होंने ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता को पैसों की पेशकश की थी। पीड़िता के माता-पिता ने मीडिया को यह बात बताई थी।

इन हेल्थ अफसर्स को भी हटाया गया

ममता सरकार ने चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ.कौस्तव नायक और हेल्थ सर्विसेस के डायरेक्टर डॉ.देबाशीष हलदर को भी हटा दिया है। शासनादेश के अनुसार, डॉ.स्वप्न सोरेन को हेल्थ सर्विसेस का नया प्रभारी डायरेक्टर बनाया गया है तो डॉ.सुपर्णा दत्ता को मेडिकल एजुकेशन डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। उधर, हटाए गए डॉ. नायक को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संस्थान का डायरेक्टर तो डॉ. हलदर को स्वास्थ्य भवन में ओएसडी (पब्लिक हेल्थ) के रूप में तैनात किया गया है।

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