सार

पश्चिम बंगाल में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले में नए-नए राज सामने आ रहे हैं। हाल ही में अर्पिता मुखर्जी के घर से एक ब्लैक डायरी मिली है, जिसमें इस घोटाले से जुड़ी कई बातों का खुलासा है। बता दें कि इस घोटाले में ईडी ने बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया है। 

Teacher Recruitment Scam: बंगाल में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले में आए दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया है। ईडी ने ने सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के सामने कई बातें रखीं, जिनमें ब्लैक डायरी का भी जिक्र है। ये वही डायरी है, जो ईडी ने अर्पिता मुखर्जी के घर से बरामद की है। इस डायरी से कई बड़े राज से पर्दाफाश हुआ है। 

रिलेशनशिप में थे पार्थ और अर्पिता?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सूर्यप्रकाश वी राजू ने कोर्ट में बताया कि अर्पिता मुखर्जी से संबंधित कई दस्तावेज मंत्री पार्थ चटर्जी के घर से बरामद हुए हैं। उन्होंने ये भी बताया कि दोनों रिलेशनशिप में थे और एक-दूसरे के बहुत करीबी हैं। पार्थ और अर्पिता मोबाइल फोन के जरिए हमेशा एक-दूसरे से संपर्क में रहते थे। दोनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ होनी चाहिए। हालांकि, इस पर पार्थ चटर्जी के वकील ने दोनों के बीच रिलेशन को नकारते हुए कहा कि पार्थ अगर अपनी जूनियर को फोन करते हैं तो इसका मतलब ये नहीं है कि दोनों में संबंध है। 

ब्लैक डायरी ने उगले ये बड़े राज : 
इसके अलावा भी ब्लैक डायरी से कई बड़े राज सामने आए हैं। 40 पन्नों की इस डायरी में शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़ी बातें दर्ज हैं। 
- ईडी ने कहा कि 40 में से 16 पन्नों में इस घोटाले के दौरान पैसे के लेन-देन की बात है। इसके अलावा कई बातें कोडवर्ड में लिखी गई हैं। 
- इस डायरी में यह भी लिखा है कि मेरिट लिस्ट में किन-किन को लेना है। ऐसे कैंडिडेट के नाम भी हैं, जिन्हें परीक्षा में पास होने लायक नंबर भी नहीं मिले, लेकिन उनके नंबर बढ़ा कर उन्हें पास कराया गया।
- इसके अलावा किसने कितने रुपए दिए और कितना बकाया रखा है, ये सब भी दर्ज है। इसके अलावा एजेंटों के नाम भी लिखे हुए हैं, जिन्हें पैसा कलेक्ट करने के लिए भेजा जाता था।
- इस ब्लैक डायरी के अलावा एजुकेशन डिपार्टमेंट से जुड़ा एक लिफाफा भी बरामद हुआ है, जिसमें 5 लाख रुपए नगद थे।
- इसके साथ ही ग्रुप D स्टाफ के एडमिट कार्ड भी मिले हैं, जो बताते हैं कि पार्थ चटर्जी का इस घोटाले में अहम रोल रहा है।

कौन है अर्पिता मुखर्जी?
अर्पिता मुखर्जी खुद को एक्ट्रेस बताती है। 2008 से 2014 के बीच अर्पिता ने बंगाली और उड़िया फिल्मों में साइड रोल भी किए हैं। अर्पिता मिडिल क्लास फैमिली से आती है और कोलकाता के बेलघोरिया में रहती है। उसने बांग्ला फिल्मों के एक्टर प्रोसेनजीत चटर्जी के साथ फिल्म 'मामा भगने' में काम किया है। इसके अलावा वो कोलकाता की सबसे बड़ी दुर्गा उत्सव समिति की स्टार प्रचारक भी रह चुकी है। इस समिति से पार्थ चटर्जी भी जुड़े हुए हैं। 

क्या है शिक्षक भर्ती घोटाला?
- 2016 में पश्चिम बंगाल के स्कूल सेवा आयोग (SSC) ने शिक्षकों की भर्ती के लिए एक परीक्षा ली थी। 2017 में जब इसका रिजल्ट आया तो इसमें सिलीगुड़ी की बबीता सरकार का नाम टॉप-20 में था। आयोग ने ये लिस्ट कैंसिल कर दी थी। 
- इसके बाद बबीता से 16 नंबर कम पाने वाली अंकिता अधिकारी का नाम टॉप पर आ गया। अंकिता मंत्री परेश अधिकारी की बेटी है। इसके खिलाफ बबीता और कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका लगा दी। कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। 
- बाद में सीबीआई ने पार्थ चटर्जी से पूछताछ की क्योंकि तब वो शिक्षा मंत्री थे। बाद में ईडी ने पार्थ चटर्जी और उनके करीबियों के घर छापा मारा, जिसमें अर्पिता मुखर्जी के घर 21 करोड़ कैश, 50 लाख की ज्वैलरी और 20 मोबाइल फोन बरामद हुए। इसके बाद पार्थ और अर्पिता को गिरफ्तार कर लिया गया। 

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