सार

नए संसद भवन (New Parliament House) का उद्घाटन 28 मई 2023 को है। लेकिन क्या यह नहीं सोच रहे कि अब पुराने संसद भवन की इमारत का क्या होगा? जिसकी दीवारों में कई रोचक किस्से रचे-बसे हैं।

Old Parliament Building Now. नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को होगा और देश की सत्ता का नया शक्ति केंद्र नया संसद भवन बन जाएगा। ऐसे में यह सवाल दिमाग में जरूर उठता है कि आखिर पुरान संसद भवन की ऐतिहासिक इमारत का क्या होगा? ‌‌भले ही सब कुछ बदल जाए लेकिन पुराने संसद भवन की यादें कभी नहीं बदलेंगी। इस इमारत ने देश हित के मुद्दों पर बड़ी-बड़ी डिबेट, नए कानून, अध्यादेश, योजनाओं को बनते-बिगड़ते देखा है। कई बार भावनाओं के ज्वार में आम आदमी की पीड़ा भी इस इमारत की नींव मजबूत करती रही है। आइए जानते हैं कि पुराने संसद भवन का क्या होगा?

Old Parliament Building: 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन

सरकार कहती है कि मौजूदा संसद भवन आज की जरूरतों को पूरा नहीं कर पाता। इसके कई हिस्सों का सही से सदुपयोग भी नहीं हो पा रहा है। हालांकि यह प्रस्ताव काफी पुराना और कांग्रेस सरकार के समय का है लेकिन इसे मूर्त रूप देने का काम वर्तमान की मोदी सरकार ने किया है। करीब 60,000 श्रमिकों ने मिलकर नए संसद भवन की आधारशिला रखी है और 28 मई 2023 को पीएम मोदी इसे देश के नाम समर्पित कर देंगे।

क्या पुराने संसद भवन को गिरा दिया जाएगा?

मार्च 2021 में यूनियन हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा में कहा था कि जब नया संसद भवन तैयार हो चुका होगा तब पुराने संसद भवन को रिपेयर कराया जाएगा। रिपेयरिंग के बाद इसका दूसरे कार्यों में उपयोग किया जाएगा। हालांकि इसके बाद इस विषय पर सरकार ने कोई ठोस पहल नहीं की लेकिन सरकार यह कहती है कि पुराने संसद भवन को नहीं गिराया जाएगा। पुराने संसद भवन को संरक्षित किया जाएगा क्योंकि यह भारत के लिए आर्कियोलॉजिकल महत्व की इमारत है। सरकार का मत यह भी है कि संसद के कार्यक्रमों के लिए नए संसद भवन के साथ पुरानी इमारत का भी उपयोग किया जाएगा।

पुराने संसद भवन इमारत की ऐतिहासिक महत्व की वस्तुओं का क्या होगा

पुराने संसद भवन की पेटिंग्स, मनुस्किप्ट्स इसके अलावा ऐतिहासिक महत्व, हेरिटेज से जुड़ी कलाकृतियों आदि को नेशनल म्यूजियम यानि नेशनल आर्काइव ऑफ इंडिया एंड इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स में रखी जाएंगी। 2022 में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि पुराने संसद भवन को म्यूजियम में तब्दील किया जाएगा।

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