सार
यासीन मलिक समेत 9 लोगों पर अपहरण के 31 साल से अधिक समय के बाद बीते साल जनवरी में आरोप तय किए गए थे। 23 अगस्त को इस केस में अगली सुनवाई है इसमें रूबिया सईद भी मौजूद रहेंगी।
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का अध्यक्ष अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) की साजिश सामने आ चुकी है। यासीन मलिक ने ही पूर्व गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद का अपहरण कराया था। रूबिया ने यासीन मलिक समेत तीन अपहरणकर्ताओं की पहचान कर ली है। 1989 में मलिक ने इस हाईप्रोफाइल किडनैपिंग का अंजाम देकर पांच आतंकवादियों को छुड़वाया था। करीब 32 साल बाद सीबीआई ने स्पेशल कोर्ट में रूबिया सईद को गवाही के लिए बुलाया और पहचान कराया। इस केस में अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी।
यह है पूरा मामला?
जम्मू-कश्मीर का अलगाववादी नेता यासीन मलिक, सूबे में पाकिस्तान समर्थिक आतंकवाद का पोषक रहा है। अपने पांच आतंकियों को छुड़ाने के लिए उसने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर 8 दिसंबर, 1989 को रुबिया सईद को किडनैप कर लिया था। रूबिया, भारत की तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की छोटी बेटी थी। रुबिया सईद का अपहरण तब किया गया, जब वो श्रीनगर के एक हॉस्पिटल से अपनी ड्यूटी पूरी करके घर लौट रही थीं। यासीन मलिक और उसके कुछ साथी रुबिया का अपहरण कर श्रीनगर से दूर नाटीपोरा ले गए थे। इसके बाद आतंकियों ने गृहमंत्री की बेटी को छोड़ने के बदले में 5 खूंखार आतंकियों की रिहाई की मांग की थी। तब देश में वीपी सिंह की सरकार थी।
कौन है यासीन मलिक? परिवार, पत्नी और बच्चे
यासीन मलिक जेकेएलएफ का अध्यक्ष रहा है। वह अलग कश्मीर की हमेशा से राग अलापता रहा। यासीन मलिक का जन्म 3 अप्रैल 1966 को मैसुमा, श्रीनगर में हुआ था। 56 साल के यासीन मलिक ने खुद से 20 साल छोटी मुशाल हुसैन से शादी की है। फरवरी, 2009 में यासीन मलिक और मुशाल हुसैन ने शादी कर ली। मुशाल हुसैन पाकिस्तान के कराची की रहने वाली है। मुशाल का जन्म 1986 में एक संपन्न परिवार में हुआ था। मुशाल के पिता पाकिस्तान के जाने-माने इकोनॉमिस्ट थे, जबकि मां रेहाना पाकिस्तानी मुस्लीम लीग की लीडर रही हैं। मुशाल ने भी लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से ग्रैजुएशन किया है। शादी के तीन साल बाद यानी 2012 में इनकी एक बेटी हुई, जिसका नाम रजिया सुल्ताना है।
जम्मू-कश्मीर में इन गतिविधियों में लिप्त रहा है यासीन मलिक
यासीन मलिक के संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट पर अलगाव की बात करने के साथ आतंकियों को संरक्षण देने का भी आरोप लगा। सूत्रों के अनुसार यासीन की गतिविधियां पाकिस्तान के इशारे पर रहती थीं। यासीन मलिक पर 90 के दशक में कश्मीर में हुए कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार और पलयान में शामिल होने का भी आरोप लगा।
यही नहीं, यासीन मलिक पर कश्मीर में आतंकवाद का समर्थन करने, भारत में टेरर फंडिंग के मामले में दोष साबित हुआ है। इसके अलावा उस पर रूबिया सईद के अपहरण का भी आरोप सिद्ध हो चुका है। अब वह जेल में है।
4 एयरफोर्स अफसरों की हत्या में भी शामिल
जनवरी, 1990 में यासीन मलिक (Yasin Malik) कश्मीर के रावलपोरा में एयरफोर्स के 4 अफसरों की हत्या में भी शामिल था। यासीन मलिक ने जम्मू कश्मीर लिबरेशन फोर्स के आतंकियों के साथ इंडियन एयरफोर्स के स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना समेत 4 अफसरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
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