सार
मियाजाकी को दुनिया का सबसे महंगा आम (Miyazaki Mango) माना जाता है। इसके एक किलोग्राम की कीमत 2.75 लाख रुपए तक होती है। इस आम को सिलीगुड़ी में आयोजित मैंगो फेस्टिवल में प्रदर्शित किया गया।
सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल)। मियाजाकी को दुनिया का सबसे महंगा आम माना जाता है। एक किलोग्राम मियाजाकी आम की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2.75 लाख रुपए हो सकती है। इस किस्म के दो किलो आम खरीदने में इतने पैसे खर्च होंगे कि एक कार खरीदी जा सकती है।
सिलीगुड़ी में आयोजित 7वें मैंगो फेस्टिवल में मियाजाकी आम को प्रदर्शित किया गया। फेस्टिवल की शुरुआत 9 जून को हुई थी। इस कार्यक्रम का आयोजन एसोसिएशन फॉर कंजर्वेशन एंड टूरिज्म (एसीटी) के सहयोग से मोडेला केयरटेकर सेंटर एंड स्कूल (एमसीसीएस) द्वारा एक मॉल में किया जा रहा है। महोत्सव में आम की 262 से अधिक किस्मों को प्रदर्शित किया गया है।
जापान के मियाजाकी शहर में उगाया जाता है यह आम
मियाजाकी आम को जापान के मियाजाकी शहर में उगाया जाता है। हरे या पीले रंग के बजाय मियाजाकी आम के छिलके का रंग लाल होता है। यह डायनासोर के अंडे जैसा दिखता है। रिपोर्ट्स के अनुसार एक मियाजाकी आम का वजन कम से कम 350 ग्राम होना चाहिए। इसमें चीनी की मात्रा 15% या उससे अधिक होनी चाहिए।
मियाजाकी आम की खेती के लिए चाहिए अच्छी धूप और बारिश
मियाजाकी आम की खेती के लिए लंबे समय तक तेज धूप, गर्म मौसम और भरपूर बारिश की जरूरत होती है। प्रत्येक आम के चारों ओर एक सुरक्षात्मक जाल भी होता है जिससे धूप उस पर समान रूप से पड़ सके और उसे एक अनूठा आकार दे सके। मियाजाकी शहर में 1984 में आम की खेती शुरू हुई थी। यह आम अप्रैल से अगस्त तक उपलब्ध होता है। मई से जून के बीच अधिकांश आम बिक जाते हैं। जापान के थाईलैंड, फिलीपींस और भारत में भी मियाजाकी आम की खेती होती है।
बता दें कि कोहितूर आम दुनिया का दूसरा सबसे महंगा आम है। इसकी खेती केवल पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में होती है। यह आम की दुर्लभ किस्म है। आम की यह किस्म 18वीं शताब्दी में बंगाल के नवाब सिराज-उद-दौला के समय बनाई गई थी। एक कोहितूर आम की कीमत लगभग 1500 रुपए होती है।