सार

OVEP in India: IOC ने भारत में पहला ओलंपिक मूल्य शिक्षा कार्यक्रम शुरू किया है। इसकी शुरुआत ओडिशा राज्य से हुई है। 
 

स्पोर्ट्स डेस्क: भारत में खेल के स्तर को और ज्यादा बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने भारत में पहला ओलंपिक मूल्य शिक्षा कार्यक्रम (OVEP) शुरू किया है। बता दें कि ओलंपिक मूल्य शिक्षा कार्यक्रम अपनी तरह का पहला है, जिसे भारतीय स्कूलों में एकीकृत किया जा रहा है जो ओलंपिक सीखने पर ध्यान केंद्रित करेगा। ऐसा करने वाला ओडिशा पहला राज्य बन गया है। इसमें ओलंपिज्म-थीम वाले पाठ्यक्रम को ओडिशा राज्य में स्कूली शिक्षा प्रणाली में एकीकृत किया गया है। ओवीईपी को ओडिशा सरकार के स्कूल और जन शिक्षा विभाग और अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन ट्रस्ट (एबीएफटी) के साथ साझेदारी में विकसित किया जा रहा है।

CM ने किया शुभांरभ
मंगलवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक इस कार्यक्रम का आधिकारिक शुभारंभ किया। इसमें आईओसी शिक्षा आयोग के अध्यक्ष मिकाएला कोजुआंगको जवार्स्की, आईओसी सदस्य नीता अंबानी, ओलंपियन और आईओसी एथलीट आयोग के सदस्य अभिनव बिंद्रा, और भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा शामिल रहे। अपने पहले साल में इस कार्यक्रम का लक्ष्य भुवनेश्वर और राउरकेला के 90 स्कूलों में 32,000 बच्चों तक पहुंचना है। इसके बाद यह लगभग 7 मिलियन बच्चों तक पहुंच जाएगा।

इस दौरान आईओसी सदस्य नीता अंबानी ने कहा, "भारत महान अवसरों और अनंत संभावनाओं का देश है। हमारे स्कूलों में 25 करोड़ से अधिक बच्चे हैं, जिनमें प्रतिभा और क्षमता है। वे कल के चैंपियन हैं, हमारे देश का भविष्य हैं। दुनिया में बहुत कम बच्चे ही ओलंपियन बन पाएंगे, लेकिन हर बच्चा ओलंपिक के आदर्शों को छू सकता है! यही ओवीईपी का मिशन है और यही इसे भारत के लिए एक बड़ा अवसर बनाता है। जैसा कि हम मुंबई में आईओसी सत्र 2023 की मेजबानी करने की तैयारी कर रहे हैं, मैं अपने देश में ओलंपिक आंदोलन को और मजबूत करने की आशा करती हूं।"

क्या है ओलंपिक मूल्य शिक्षा कार्यक्रम
ओलंपिक मूल्य शिक्षा कार्यक्रम बच्चों की जीवन शैली, एकाग्रता की कमी और किशोरों के स्कूल छोड़ने की वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में मदद करता है। इसका अलावा ये कार्यक्रम ओलंपिक खेलों के संदर्भ और ओलम्पिकवाद के मूल सिद्धांतों का उपयोग करते हुए अकादमिक पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए है। प्रतिभागियों को मूल्य-आधारित शिक्षा का अनुभव करने और अच्छी नागरिकता की जिम्मेदारियों को संभालने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। साथ ही खेल और शारीरिक गतिविधि के लिए उन्हें प्रेरित किया जाता है।

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