सार
स्पेन के ला नुसिया में चल रहे यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत ने 7 मेडल पक्के कर लिए हैं। इनमें मौजूदा एशियन चैंपियन रविना के साथ ही विश्वनाथ सुरेश, वंशाज सहित 4 अन्य भारतीयों के नाम शामिल हैं। वहीं वर्ल्ड महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में भी एक प्लेयर पहुंच चुकी हैं।
Youth World Boxing Championship. मौजूदा समय की यूथ एशियाई चैम्पियन रवीना, विश्वनाथ सुरेश और वंशाज ने चार अन्य भारतीयों के साथ पुरुष और महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है और पदक भी पक्का कर लिया है। इसके अलावा भावना शर्मा (48 किग्रा), कुंजारानी देवी थोंगम (60 किग्रा), लशु यादव (70 किग्रा) और आशीष (54 किग्रा) देश के अन्य मुक्केबाज हैं जिन्होंने अंतिम चार में जगह बना ली है और कम से कम कांस्य पदक तो पक्का कर ही लिया है।
प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में अपना शानदार प्रदर्शन करते हुए सभी चार महिला मुक्केबाजों ने अपने-अपने क्वार्टर फाइनल मुकाबलों में शानदार जीत दर्ज की है। जहां रवीना ने 63 किग्रा मुकाबले में रोमानिया की एलेक्जेंड्रा क्रेटू को हराया। वहीं भावना और कुंजारानी ने वेनेजुएला के एविमिर ब्रिटो और कजाकिस्तान के एगेरिम कबदोल्डा को शिकस्त दी। लाशू मैक्सिकन मुक्केबाज ज़ुजेट हर्नांडेज पर हावी रहीं। जबकि ग्रिविया देवी हुइड्रोम (54 किग्रा) हारने वाली एकमात्र भारतीय महिला रहीं जिन्हें कजाकिस्तान की एलिना बजरोवा ने 0-5 से हरा दिया। वहीं पुरुष वर्ग में भारत के लिए यह मिला-जुला दिन रहा क्योंकि पांच में से तीन मुक्केबाज पदक दौर में आगे बढ़ने में सफल रहे हैं। इनमें विश्वनाथ (48 किग्रा) और वंशज (63.5 किग्रा) ने क्रमशः ऑस्ट्रेलिया के जे केर और किर्गिस्तान के उमर लिवाजा पर जीत दर्ज की।
दूसरी तरफ आशीष को स्कॉटलैंड के आरोन कुलेन के खिलाफ कड़ी मेहनत करनी पड़ी और भारत के पक्ष में 4-3 से घोषित किया गया। दीपक (75 किग्रा) और मोहित (86 किग्रा) क्वार्टर फाइनल में हारने वाले दो भारतीय पुरुष मुक्केबाज हैं। स्पेन में चल रहे इस टूर्नामेंट में 73 देशों के करीब 600 मुक्केबाजों ने भागीदारी की है। अंतिम आठ चरण के लिए क्वालीफाई करने वाले 17 भारतीयों के बाद कजाकिस्तान (16) और उज्बेकिस्तान (13) जैसे देश हैं। भारत की तमन्ना (50 किग्रा), प्रीति दहिया (57 किग्रा), देविका घोरपड़े (52 किग्रा), मुस्कान (75 किग्रा) और कीर्ति (81 किग्रा से अधिक) के सात पदक पहले ही पक्की हो चुके हैं।
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