सार

दिल्ली की तिहाड़ जेल में हुई अंकित गुर्जर हत्या मामले की जांच हाईकोर्ट ने बुधवार को सीबीआई को सौंप दी। बताया जा रहा है कि अदालत पुलिस की कार्यप्रणाली से संतुष्ट नहीं है।

दिल्ली. दिल्ली की तिहाड़ जेल में हुई अंकित गुर्जर हत्या मामले की जांच अब सीबीआई करेगी। हाईकोर्ट ने बुधवार को यह आदेश दिया। बताया जा रहा है कि अदालत पुलिस की कार्यप्रणाली से संतुष्ट नहीं है। 28 अक्टूबर को मामले की फिर सुनवाई होगी, उससे पहले सीबीआई से केस की रिपोर्ट मांगी गई है।

जेल अधिकारी ने की थी बेहरमी से पिटाई
दरअसल, अंकित गुर्जर के परिजनों ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी। परिजनों का आरोप था- अंकित की हत्या जेल अधिकारी मीणा ने की थी। अधिकारी ने जेल में अंकित के पास से एक मोबाइल पकड़ा था। इसके बदले मीणा एक लाख रुपए मांग रहा था। 50 हज़ार रु. परिजनों ने दिए भी थे। इस दौरान दोनों के बीच हाथापाई हुई, जहां मीणा ने अंकित को जमकर पीटा और उसकी मौत हो गई।

तिहाड़ जेल में हुई थी अंकित की हत्या
बता दें कि अंकित गुर्जर की हत्या के मामले में डिप्टी जेलर समेत 4 लोगों को सस्पेंड किया गया था। पूछताछ के दौरान सामने आया था कि जेल में बंद एक कैदी ने इस घटना का खुद को चश्मदीद बताया था। उसने जेल अधिकारी पर हत्या करने का आरोप लगाया था। उसका कहना था कि जेल अधिकारियों ने ही अंकित की पिटाई की थी, जिसके चलते उसकी जान गई। अंकित 4 अगस्त को तिहाड़ जेल की कारावास में मृत मिला था। गवाहों के बयान और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ था कि उसके शरीर पर चोटों के दर्जनों निशान थे।

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कई राज्यों में गुंड़ागर्दी करता था अंकित गुर्जर
दिल्‍ली पुलिस की स्‍पेशल सेल ने मई 2020 में अंकित को मकोका के तहत दर्ज मामलों में गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ रंगदारी, हत्या का प्रयास, अपहरण सहित 2 दर्जन से ज्यादा मामले थे। वह दिल्ली-पंजाब हरियाणा से लेकर यूपी तक अपनी गुर्जर गैंग चलाता था। पुलिस ने उसे पकड़ने पर एक लाख रुपए से ज्यादा का इनाम घोषित कर रखा था।

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