सार

सीएम भगवंत मान के ऐलान से पहले ही पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने चुनाव हारने के बाद अपनी पेंशन छोड़ने की घोषणा की है। सियासत से जुड़े लोगों ने कहा-पंजाब में ऐसा पहली बार हो रहा है कि सिस्टम खुद ब खुद सुधर रहा है। इसकी वजह भी है। पंजाब के मतदाता ने आम आदमी पार्टी को जिस तरह से समर्थन दिया है।

चंडीगढ़. कल आम आदमी पार्टी के सीएम भगवंत मान ने सीएम पद की शपथ ली और कार्यभार संभाला। वहीं मान ने गुरुवार सुबह ऐलान किया कि वह आज राज्य की जनता के लिए एक ऐतिहासिक ऐलान करेंगे। जो पंजाब की सियासत में कभी नहीं हुआ होगा। लेकिन इससे पहले ही पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने चुनाव हारने के बाद अपनी पेंशन छोड़ने की घोषणा की है। 

पंजाब के लोगों के विकास के लिए छोड़ दी अपने पेंशन
दरअसल,  प्रकाश सिंह बादल ने पेंशन छोड़ने की घोषणा करते हुए कहा, "मैं माननीय अध्यक्ष से अनुरोध करता हूं कि एक पूर्व विधायक के रूप में मुझे जो भी पेंशन दी जाती है, कृपया उसका उपयोग पंजाब के लोगों के लाभ के लिए करें।" इसे किसी भी हाल में मुझे न भेजें। लिखित में औपचारिक अनुरोध अलग से भेजा जा रहा है। 

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आप की सरकार बनते ही सुधरने लगा सिस्टम
इस मामले पर पंजाब के सीनियर पत्रकार बलविंद्र सिंह जम्मु ने कहा कि व्यवस्था तो बदल रही है। पंजाब में ऐसा पहली बार हो रहा है कि सिस्टम खुद ब खुद सुधर रहा है। इसकी वजह भी है। पंजाब के मतदाता ने आम आदमी पार्टी को जिस तरह से समर्थन दिया है, अब लोगों को सरकार से उम्मीद भी है। सरकार को इस उम्मीद पर खरा भी उतरना है। दखने लायक बात यह होगी कि यह  इस तरह की व्यवस्था रहती कितने दिन है। 

अकाली दल भी अब बदलाव के दौर में ...
बलविंद्र जम्मु ने कहा कि जहां तक अकाली दल की बात है, उन्हें पेंशन छोड़ने का निर्णय बहुत पहले करना चाहिए था। खैर अब भी देर नहीं हुई। हार के बाद लग रहा है कि अकाली दल भी अब बदलाव के दौर में हैं। देखना यह होगा कि क्या सुखबीर बादल और बिक्रमजीत सिंह मजीठिया की जो छवि है, उसे वह अब कितना बदल पाते हैं। क्योंकि इसके बाद ही अकाली दल का भविष्य तय होगा।

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