सार
पंजाब सरकार की तरफ से आधिकारिक बयान के अनुसार, सफाई सेवकों और सीवरमैन को नियमित करने के फैसले का फायदा 4 हजार 587 संविदा कर्मचारियों को मिलेगा, जो शहरी निकाय विभाग में काम कर रहे हैं। इन कर्मचारियों को नियमित करने के साथ ही सरकार पर प्रोबेशन के शुरुआती तीन सालों के दौरान करीब 46 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
चंडीगढ़। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। इनमें पंजाब में सफाई सेवकों (Safai Sewaks) की सेवाओं को नियमित करने और बिजली के बकाया बिल माफ करने जैसे फैसले शामिल रहे। इसके अलावा कैबिनेट ने कपास की फसल के नुकसान पर राहत राशि को 12 हजार रुपए से बढ़ाकर 17 हजार रुपए प्रति एकड़ करने की भी मंजूरी दे दी है। ये राहत राशि 1 जून 2021 से लागू हो जाएगी।
सरकार की तरफ से आधिकारिक बयान के अनुसार, सफाई सेवकों और सीवरमैन को नियमित करने के फैसले का फायदा 4 हजार 587 संविदा कर्मचारियों को मिलेगा, जो शहरी निकाय विभाग में काम कर रहे हैं। इन कर्मचारियों को नियमित करने के साथ ही सरकार पर प्रोबेशन के शुरुआती तीन सालों के दौरान करीब 46 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। प्रोबेशन की अवधि के बाद तनख्वाह में हर साल बढ़त और दूसरे भत्ते भी दिए जाएंगे, जिनका खर्च शहरी निकाय उठाएंगे।
कैबिनेट ने ये फैसले लिए हैं...
- कैबिनेट ने राज्य के 500 करोड़ रुपए बकाया पानी के बिलों को माफ करने का फैसला लिया। ग्रामीण उपभोक्ताओं के 256.97 करोड़ रुपए और शहरी उपभोक्ताओं को 17.98 करोड़ रुपए के बिल माफ किए जाएंगे।
- ग्राम पंचायत और समितियों की तरफ से चलाई जा रही जल आपूर्ति योजनाओं के भी 224.55 करोड़ रुपए माफ होंगे।
- कैबिनेट ने दिसंबर के बजाए नवंबर से ही बिजली की दरें 3 रुपए प्रति यूनिट करने का फैसला लिया। राज्य सरकार ने पहले घोषणा की थी कि 7 किलोवॉट तक स्वीकृत लोड वाले उपभोक्ताओं के टैरिफ में 3 रुपये प्रति यूनिट कम किए जाएंगे। इससे सरकार पर 151 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आर्थिक बोझ आएगा। हालांकि, इससे करीब 71.75 लाख में से करीब 69 लाख उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा।
- कैबिनेट ने पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रॉपर्टी रेग्युलेशन एक्ट (PAPR) के संबंध सेक्शन में नया नियम शामिल करने का फैसला किया है, जिसके तहत अनधिकृत कॉलोनियों और प्लॉट को नियमित किया जाएगा। कैबिनेट ने जालंधर में दो निजी स्कूलों के निर्माण की भी अनुमति दी।
- कैबिनेट ने फैसला किया है कि अब किसी भी बोर्ड, निगम, अथॉरिटीज आदि हर विभाग में सीधी भर्ती में पंजाबी अनिवार्य होगी। इसके लिए उन्हें सर्विस रूल्स में संशोधन करने के लिए कहा गया है।
- गुलाबी सुंडी की वजह से खराब हुई नरमे की फसल के बदले दिए जा रहे 12 हजार प्रति एकड़ मुआवजे में 5 हजार की बढ़ोतरी कर दी गई है। अब 100 फीसदी नुकसान के लिए 17 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाएगा।
- राज्य में 2 एकड़ तक के क्षेत्रफल और 3 फुट तक गहराई तक ईंट बनाने के लिए मिट्टी/साधारण मिट्टी की खुदाई के काम को गैर-खनन गतिविधि घोषित कर दिया गया है।
- भट्ठा मालिक इस उद्देश्य के लिए फार्म ‘ए’ के अनुसार लाइसेंस के लिए आवेदन देंगे और फार्म ‘बी ’ में लाइसेंस प्राप्त करेंगे। जहां मिट्टी निकालने की कार्यवाही निर्धारित सीमा से ज्यादा की जाती है तो उस मामले को पंजाब माइनर मिनरल रूल्स (पीएमएमआर), 2013 के साथ-साथ मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार निपटाया जाएगा। यह ईंट भट्टों को चलाने की प्रक्रिया को आसान बनाने के साथ-साथ खपतकारों को सस्ते भाव पर ईंटों की निर्विघ्न सप्लाई को यकीनी बनाएगा।